डेस्क : भारत में कारों की शुरुआती कीमत 3.20 लाख की है। यदि आप पुरानी कार खरीदें तो आपको भारत में कारें सस्ती मिल जाएंगी। पर एक पुरानी कार हाल ही में 1000 करोड़ रु से भी अधिक में बिकी है। ये कार काफी पुरानी है। पर इसका पुराना होना ही इसकी खासियत बन गया।
1100 करोड़ रुपये की कार : 1955 की मर्सिडीज-बेंज एक नीलामी में रिकॉर्ड 1100 करोड़ रुपये (143 मिलियन डॉलर) में बिकी, यह दुनिया की सबसे अधिक कीमत पर बिकने वाली कार बन गयी। सोथबीज ने बताया कि 1955 की मर्सिडीज-बेंज 300 एसएलआर उहलेनहॉट कूपे की नीलामी हुई जिसमें एक निजी कलेक्टर ने इस गाड़ी को 135,000,000 यूरो की रिकॉर्ड कीमत पर खरीदा है।
पिछले रिकॉर्ड में सबसे महंगी कार 95 मिलियन डॉलर से अधिक में बिकी थी। एक कार की कीमत से इसकी कीमत दोगुनी से अधिक है। केवल दो कारें : एक दम दुर्लभ तीर जैसी कूपे जिसके सिर्फ 2 ही मॉडल मार्किट में है उनमें से एक यह है जिसका प्राइवेट ओनरशिप कभी नहीं रहा। ऐसे में कई जानकर को यकीन नहीं हो रहा है कि मर्सिडीज इसे बेच देगी।
खरीदार का नाम नहीं आया सामने मर्सिडीज ने खरीदार का नाम गुप्त रखा गया। हैं। मर्सिडीज-बेंज, जिसे आमतौर पर मर्सिडीज कहा जाता है, एक जर्मन लक्जरी ऑटोमोटिव ब्रांड है। मर्सिडीज-बेंज और मर्सिडीज-बेंज एजी (2019 में स्थापित एक मर्सिडीज-बेंज समूह की सहायक कंपनी) दोनों का मुख्यालय स्टटगार्ट, बाडेन-वुर्टेमबर्ग, जर्मनी में है। मर्सिडीज-बेंज कंज्यूमर लक्जरी वाहनों और वाणिज्यिक वाहनों का उत्पादन करती है। इसके पहले मर्सिडीज-बेंज-बैज वाले वाहनों का उत्पादन 1926 में किया गया था।
1901 मर्सिडीज और कार्ल बेंज की 1886 बेंज पेटेंट-मोटरवेगन के माध्यम से हुई, जिसे व्यापक रूप से स्व-चालित ऑटोमोबाइल में पहला इंटरनल कंबस्शन इंजन माना जाता है। मर्सिडीज-बेंज कंज्यूमर-पैसेंजर, हल्के वाणिज्यिक और भारी वाणिज्यिक उपकरणों की एक बड़ी रेंज ऑफर करती है। ये वाहन दुनिया भर के कई देशों में निर्मित होते हैं।कंपनी वर्तमान में तीन प्रकार की वैन प्रदान करती है; सिटन, वीटो और स्प्रिंटर। ये सभी डेमलर एजी द्वारा निर्मित हैं। दिसंबर 2021 से, मर्सिडीज-बेंज ट्रक डिवीजन डेमलर ट्रक कंपनी का हिस्सा रह चुकी है। इसमें और भी उप-कंपनियां शामिल हैं, जो कि डेमलर क्रिसलर विलय का हिस्सा रह चुकी थीं।