बिहार विद्युत् अधिनियम में संशोधन, अब शिकायत मिलने के बाद 24 घंटे के भीतर ही बदल दिया जाएगा बिजली मीटर

डेस्क : एक समय ऐसा था जब बिजली के मीटर के लिए लोगों को खूब चक्कर काटने पड़ते थे और उसके बाद भी आशंका बनी रहती थी कि मीटर लगेगा या नहीं लगेगा मीटर लग जाने के बाद अगर कोई समस्या हो जाती थी तो उसके लिए भी लोगों को अनेकों बार सरकारी दफ्तर के चक्कर काटने होते थे जिसके लिए चलते-चलते उनके जूते घिस जाते थे।

लेकिन अब बिहार में बिजली विद्युत अधिनियम लाया गया है जिसके तहत कुछ बदलाव किए गए हैं। यह बदलाव इस प्रकार किए गए हैं कि बिहार में रह रहे जितने भी बिजली उपभोक्ता है वह आसानी से इसका लाभ उठा सकें। अगर किसी भी उपभोक्ता को बिजली मीटर बदलवानी है तो मात्र 24 घंटे के भीतर उसका बिजली मीटर बदल दिया जाएगा। इस संशोधन अधिनियम से काफी मदद मिलेगी।

इस नियामक आयोग के द्वारा ग्रामीण तक पहुंचने के लिए 72 घंटे से ज्यादा का समय दिया गया है। बता दें कि मीटर तभी बदला जाएगा जब इसके उपभोक्ता को विधिवत शिकायत हो। अगर जगह मीटर पहुंचने के बाद यह मालूम चलता है कि मीटर में कुछ खास खराबी नहीं है तो उसको नहीं बदला जाएगा। इसके लिए प्रारंभिक जांच की जाएगी, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाएगा कि मीटर कहीं से जला यह खराब तो नहीं है। कंपनी यह सारा खर्चा अपने समय सीमा के भीतर ही तय करेगी।

ऐसे में अगर उपभोक्ता परिसर से बाहर मीटर लगा है और वह चोरी हो गया है तो इसकी जिम्मेदार कंपनी होगी और अगर उपभोक्ता परिसर के अंदर मीटर लगा है और फिर वह चोरी हो जाता है तो इसके जिम्मेदार उपभोक्ता ही होगा। हालांकि अगर मीटर जल जाता है तो उसके लिए कंपनी को अपने खर्च पर ही मीटर लगाना होगा और इसमें किसी भी तरह की नानुकुर नहीं चलेगी।

स्मार्ट प्रीपेड मीटर की तैयारी पूरी हो चुकी है और उसका कार्य पटना में शुरू किया जा चुका है पटना समेत कई शहरों में इसका कार्य जोर-शोर पर चल रहा है अगर किसी उपभोक्ता का मीटर आमतौर पर जल जाता है तो उसके बाद इलेक्ट्रॉनिक मीटर ही लगाया जाता है। इस वक्त इलेक्ट्रॉनिक मीटर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं और किसी भी तरह की कोई परेशानी कंपनी को मीटर लगाने में नहीं है और ना ही उपभोक्ता को किसी भी तरह की कठिनाई है।

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