बिहार में खत्म होगी अमीनों की मनमानी, ईटीएस मशीन से होगी जमीन की माप

न्यूज़ डेस्क: राज्य में सबसे अधिक विवाद जमीन को लेकर ही होता है। ऐसे में अब जमीन की मापी इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन (ETS) के जरिये की जाएगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 711 ईटीएस मशीनों की खरीद का आदेश भी दे दिया है। खरीद के बाद हर जमीन की नाप इसी मशीन से की जाएगी। इससे किसी भी भूमि की माप में कोई बेईमानी की गुंजाइश नहीं रहेगी। इसके अलावा मनमाने ढंग से गअला मापी कर दो पक्षों के साथ भेदभाव करने की अमीनों की प्रवृत्ति पर भी प्रतिबंध लगेगी।

कुल 42 करोड़ 66 लाख रुपये दिए गए जिलों को मशीन खरीदने का अधिकार दिया गया है। प्रत्येक जिले के लिए राशि निर्धारित की गई है। जिले में इसकी खरीद जैम पोर्टल के जरिए की जाएगी। प्रत्येक मशीन के लिए 6 लाख रुपये यानी कुल 42 करोड़ 66 लाख रुपये दिए गए हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा इसके कार्यों को पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। वर्तमान में इन मशीनों की सहायता से भूमि सर्वेक्षण, ग्राम सीमा सत्यापन, त्रिसीमा का निर्धारण और किस्त का कार्य किया जा रहा है। यह मशीन हवाई एजेंसी द्वारा प्रदान की जाती है।

एक साथ 50 प्लॉटों की होगी मापी अब इस खरीद से सर्वे से जुड़े अमीनों को भी मशीन मिल जाएगी, जिससे भूमि सर्वेक्षण के काम में तेजी आएगी। ईटीएस मशीन से निकलने वाली किरणें जमीन को नापेंगी। एक सेमी भी फर्क नहीं पड़ेगा। इससे नाप-जोख का काम तेजी से होगा, गड़बड़ी की शिकायत किसी को नहीं होगी। नाप के लिए अमीन मशीन को किनारे पर लगा देगा और मापक प्रिज्म को खेत के किनारे पर रख देगा। बटन दबाने पर मशीन किरणें उत्सर्जित करेगी और प्रिज्म से प्रिज्म की दूरी रिकॉर्ड करेगी। माप के लिए जीपीएस का भी इस्तेमाल किया जाएगा। खास बात यह है कि इस माध्यम से एक साथ 50 भूखंडों को मापा जा सकता है।

बिहार में अब जरीब चेन से नाप के दिन गए सरकार का मानना ​​है कि राज्य में अधिकांश आपराधिक घटनाएं भूमि विवाद के कारण होती हैं। इसमें मापन त्रुटि आग में ईंधन का काम करती है। इसलिए सबसे पहले इस कमी को दूर करना जरूरी है। सीएम नीतीश कुमार ने हाल ही में कहा था कि 60 फीसदी अपराध ऐसे मामलों के कारण होते हैं। इसलिए विभाग ने इन बड़ी समस्याओं के समाधान के लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसी क्रम में अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही जमीन को नापने के तरीके को बदलने का फैसला किया गया है। अब जरीब चेन की जगह भूमि मापन की प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक टोटल स्टेशन (ईटीएस) से की जाएगी।

Leave a Comment