चुनाव के समय नेताओं का लगता था डेरा – बाढ़ के समय अब कोई झाँकने भी नहीं आते – बाढ़ पीड़ितों ने जताया आक्रोश

डेस्क : बिहार में इस वक्त बाढ़ से लोग बुरी तरह जूझ रहे हैं। उन्हें अपने दिनचर्या के काम करने में बहुत कठिनाई आ रही है, बता दें कि बूड़ी गंडक नदी इस वक्त अपने खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिसके चलते उत्तर बिहार में लोगों के घर जलमग्न हो गए हैं। हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हवाई दौरा किया है लेकिन लोगों की जमीनी समस्या का समाधान उनको नहीं मिला है।

कई न्यूज़ मीडिया कर्मचारी खुद नाव की डोंगी बनाकर भरे हुए पानी पर तैरते हुए लोगों से हाल खबर ले रहे हैं, लोगों का कहना है कि यहां पर आस पड़ोस के सभी लोग अपने गांव को छोड़ कर जा चुके हैं, वही जो आर्थिक रूप से बहुत कमजोर लोग हैं वह यहीं फंसे हुए है। कई लोगों के घर में पानी उनकी कमर तक पहुंच गया है ऐसे में लोग अपने हालात बताते हुए रो रहे हैं।

गांव के रहने वाले राजेंद्र साहू की बेटियां 10 दिन से बीमार है उन्होंने अपने बेटी की तबीयत को सुधारने के लिए जैसे तैसे ऊंची जगह ढूंढ ली है लेकिन वह बीते 10 दिनों से चूड़ा खाकर काम चला रहे हैं। मीठा सराय गांव की महिला का कहना है कि बाढ़ से पहले जब चुनाव होते हैं तो नेता यहां पर डेरा डाल के रखते हैं लेकिन आज के समय में कोई यहां हाल तक जानने नहीं आ रहा है। सरकार ने नाव की व्यवस्था की है लेकिन यह नांव लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है, वहीं दूसरी ओर हाईवे पर सरकार द्वारा शिविर लगाए गए हैं, ऐसे में कुछ लोग शिविर में रह रहे हैं और वहां पर उनको सरकारी खिचड़ी दी जा रही है।

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