बिहार के इन जिलों में खुलेंगे 7 मेडिकल कॉलेज – 3500 बेडों के साथ स्वास्थ्य समस्याएं होंगी छूमंतर

डेस्क : इस वक्त कोरोना महामारी को देखते हुए लोगों को यह समझ आ गया है कि स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की जरूरत है, जिसके चलते भारत सरकार से लेकर सभी राज्य सरकारें स्वास्थ्य की ओर ध्यान दे रही है। ऐसे में बिहार भी अब स्वास्थ्य को सुधारने के लिए और स्वास्थ्य सेवाओं को फिर से पटरी पर लाने के लिए 7 मेडिकल कॉलेज के निर्माण की तैयारी कर रहा है। हालांकि, स्वास्थ्य व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए और उनको समय-समय पर बदलाव करने के लिए अलग रणनीति चाहिए।

पुराने तरीके स्वास्थ्य विभाग को पूरी तरह से खराब कर चुके हैं, ऐसे में साफ नजर आ रहा है कि लोगों के साथ अस्पतालों में अन्याय हो रहा है। आने वाले 2 साल के भीतर 7 मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो जाएंगे। इन कॉलेज शिक्षा के साथ लोगो के स्वास्थ्य का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा। इन कॉलेज में एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करने की तैयारी पूरी की जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे का कहना है कि जैसे ही यह मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो जाएंगे तो बिहार में ज्यादा से ज्यादा बेड उपलब्ध होंगे। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा मरीजों का इलाज हो सकेगा।

बिहार के पूर्णिया, सासाराम, समस्तीपुर, मधुबनी, वैशाली, सीतामढ़ी और सिवान में मेडिकल कॉलेज खुलने वाले हैं। इस काम के लिए 3465 करोड़ रुपया खर्च होगा। इन सभी जिलों में मेडिकल कॉलेज बनने का काम शुरू हो गया है। ऐसे में हर अस्पताल में 500 बेड का आयोजन किया जाएगा बता दें कि यदि 7 अस्पताल में 500 बेड आते हैं तो बिहार को 3500 अतिरिक्त बेड मिल जाएंगे। यह सभी अस्पताल 2022 तक शुरू हो जाएंगे।

ज्यादा जानकारी के लिए बता दें कि सारण जिले में 500 बेड का अस्पताल 376 करोड़ रुपए की राशि में तैयार होगा। समस्तीपुर में 500 बेड का अस्पताल 591 करोड रुपए की राशि में बनाया जा रहा है। मधुबनी जिले में 500 बेड के अस्पताल का निर्माण 515 करोड रुपए की राशि में हो रहा है। वैशाली जिले में 500 बेड का अस्पताल कौन से 260 करोड़ रूपए में किया जा रहा है। सिवान जिले में 500 बेड के अस्पताल का निर्माण हो 568 करोड़ रूपए में हो रहा है, सीतामढ़ी जिले में 500 बेड का निर्माण 514 करोड़ रूपए में हो रहा है।

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