भाजपा नेताओं ने कानून व्यवस्था की स्थिति पर नीतीश सरकार को घेरा, कर दी शराबबंदी कानून के समीक्षा की मांग

बिहार में कानून व्यवस्था की स्थिति दिन प्रति दिन खराब होती चली जा रही है। अब तो विपक्ष के साथ-साथ सत्ता में नीतीश कुमार के साथी भी उन पर सवाल उठा रहे हैं। ताजा मामले में सीतामढ़ी के भाजपा विधायक ने जहां मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सीतामढ़ी के एसपी की हटाने की मांग की है, तो वहीं एक और भाजपा एमएलसी ने मुख्यमंत्री को शराबबंदी कानून के समीक्षा करने की सलाह दे डाली है।

भाजपा विधायक ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र- सीतामढ़ी से भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए यह मांग की है कि वहां के एसपी को अविलंब हटाया जाए। गौरतलब है कि सीतामढ़ी में कुछ दिनों पहले शराब तस्करों ने एक दारोगा की गोली मारकर हत्या कर दी थी। भाजपा विधायक डॉ मिथिलेश कुमार ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए मांग की है कि जिले में कानून व्यवस्था की स्थिति बहुत ही खराब होती जा रही है और यह जिला नेपाल से भी लगा हुआ है। इसलिए वर्तमान एसपी को हटाते हुए यहाँ पर एक युवा अफसर की नियुक्ति की जाए।

एमएलसी ने की शराबबंदी कानून की समीक्षा की मांग- भाजपा नेता और एमएलसी श्री संजय पासवान ने भी शुक्रवार को सख्त तेवर अपनाते हुए राज्य के गृह सचिव आमिर सुबहानी को कानून व्यवस्था की स्थिति नहीं संभालने पर पद त्यागने की सलाह दे डाली। इसके अलावा शराबबंदी कानून पर भी बोलते हुए संजय पासवान ने कहा कि शराबबंदी कानून की भी समीक्षा होनी चाहिए।

क्या बिगड़ रहे हैं रिश्ते- भाजपा नेताओं द्वारा इस तरह से कानून वयस्था की स्थिति पे सरकार को घेरने की वजह से नीतीश कुमार बैकफुट पर आ गए हैं। अब हर कोई यही सवाल पूछ रहा है कि क्या दोनों दलों के अंदरखाने सबकुछ ठीक नहीं है। हालांकि जदयू नेता अशोक चौधरी ने भाजपा एमएलसी के बयान पर कहा कि यह उनका निजी बयान है और बिहार सरकार शराबबंदी को लेकर के अच्छा काम कर रही है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या दोनों दलों के नेता आपस मे ऐसे ही बयानबाजी करते रहेंगे या फिर राज्य सरकार कानून व्यस्था की स्थिति पर भी ध्यान देगी।

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