CM नीतीश ने आरक्षण की 50% सीमा तोड़ने की मांग – बिहार में रिजर्वेशन लिमिट बढ़ाने के दिए संकेत..

डेस्क : सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने संविधान के 103वें संशोधन अधिनियम, 2019 की वैधता की यथास्थिति को बनाए रखी. इसके साथ ही राजनीतिक दलों में भी इस फैसले को लेकर हलचल तेज हो गयी है. इसी क्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने फैसले कि स्वागत तो किया हैं, लेकिन इसके साथ ही आरक्षण की वर्तमान 50 प्रतिशत सीमा को बढ़ाने की मांग करके एक नई राजनीतिक बहस तेज कर दी है.

दरअसल,मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अधिवेशन भवन में आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के स्थापना दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. इसी दौरान पत्रकारों ने उनसे EWS पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल पूछे जिसके बाद नीतीश कुमार ने फैसले का स्वागत करते हुए एक नई मांग भी उठा दी हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, EWS पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला सही है. इसका तो हमलोगों ने पहले भी स्वागत ही किया था.यह तो ठीक है लेकिन, इसके साथ ही आरक्षण की 50 फीसदी की सीमा भी बढ़नी चाहिए

मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा, हमने शुरू से इसीलिए कहा था और इस दिशा में काम भी कर रहे हैं. देश में जल्द से जल्द जातिगत जनगणना भी कराई जाए, लेकिन इस पर कोई काम नहीं हो रहा है. हमने फैसला कर लिया था कोई करवाये या नहीं कराए, हम बिहार में करवा रहे हैं. बहुत ही जल्द बिहार में जातिगत जनगणना हो जाएगी.

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