सत्र में उठी शराब की दूकान खुलवाने की मांग CM नितीश बोले शराबबंदी से कोई समझौता नहीं

डेस्क : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महात्मा गांधी के आदर्शों पर चलने वाले व्यक्ति हैं। बीते 2 दिन से बजट सत्र चल रहा है। इसमें कई नेता वाद विवाद कर रहे हैं। बिहार में शराबबंदी के नाम पर जो हो रहा है उससे हर व्यक्ति वाकिफ है। नीतीश कुमार का साफ कहना है कि बिहार में शराबबंदी के कानून पर वह जरा भी लापरवाही नहीं कर सकते हैं।

बिहार का विधान सभा सत्र भी चल रहा है इस सत्र में कांग्रेसी नेताओं ने जमकर शोरगुल मचाया और मांग उठाई की शराब की दुकानों को वापस से चला देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सदन में जो भी व्यक्ति मौजूद है उनके सदस्य्ता पत्र में लिखा है कि वह सभी तरह के मादक पदार्थों से दूर रहेंगे। लेकिन, फिर भी वह खड़े होकर सदन में मांग उठा रहे हैं कि शराब की दुकानें वापस खोली जाए यह बिल्कुल भी सही बात नहीं है। अगर बिहार को आगे बढ़ाना है तो सबका साथ जरूरी है यह कदम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ाया गया कदम है।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में मेथनॉल की उपज बेहद ही बड़े पैमाने पर हो सकती है। इसके लिए हमने एक प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार की ओर भेजा था। यह प्रस्ताव 2007 में भेजा था और उस वक्त शरद पवार मंत्री थे। लेकिन, तब यह फैसला आया था कि इथनॉल को लेकर सभी कार्य पूरे कर लिए गए हैं। अब इसमें बदलाव की जरूरत नहीं है बता दें कि अगर इथनोल उत्पादक पर काम किया जाए तो बिहार में और रोजगार पैदा होंगे।

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