बिहार का जिला जो प्राचीनतम जीवित शहरो में से एक है और जिसकी खूबसूरती स्वीटजरलैंड से कम नहीं

बिहार में अगर दर्शनीय स्थलों की बात की जाए तो यह काफी कम है। लेकिन बिहार के दक्षिणी हिस्से में पढ़ने वाले जिला सासाराम जिसे की सहसराम भी कहा जाता है। यह किसी स्विट्जरलैंड से कम नहीं है। सासाराम बिहार के प्रसिद्ध शहर और पर्यटन स्थलों में से है। अफ़ग़ान शासक शेरशाह सूरी का अधिकांश बचपन यहीं बीता था और इसे इस जगह से इतना लगाव हो गया था कि उसने अपनी जिंदगी में ही यहां पर अपना मकबरा बनवाना शुरू कर दिया था।

दुर्गावती जलाशय का वाटरफॉल न सिर्फ बिहार बल्कि देश मे भी प्रसिद्ध प्राप्त कर रहा है सासाराम की खूबसूरती मानसून और ठंड के समय में देखते ही बनती है। जब यहां का पूरा पहाड़ छोटे-छोटे घास और पौधों से ढक जाता है। पहाड़ियों पर हरे भरे पेड़ उगे रहते हैं। झील और झरने कलरव करते रहते हैं। ऐसे वक्त में यहाँ की जो मनोरम छटा होती है वो देखते ही बनती है। सासाराम में पहाड़ी चेनारी प्रखंड के करमचार नामक जगह पर एक दुर्गावती जलाशय लगाया है। जो कि सासाराम जिला मुख्यालय से लगभग 41 किलोमीटर दूर है। दुर्गावती जलाशय के हर तरफ से छोटे-छोटे बड़े-बड़े पेड़ पौधों से घिरा हुआ है। यहां सुंदर वॉटरफॉल एक मनमोहक दृश्य बनाते हैं, जहां अक्सर लोग प्री वेडिंग शूट करवाने आते हैं।

चावल का कटोरा कहे जाने वाले सासाराम में कई सारे ऐतिहासिक स्थल है सासाराम बिहार के सबसे बड़े उप महानगरीय क्षेत्र को कवर करता है ।यहाँ न सिर्फ प्राकृतिक रूप से अद्भुत छटा देखने को मिलती है। साथ ही साथ कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल भी मौजूद है। जैसे शेरशाह का मकबरा, रोहतासगढ़ किला, इंद्रपुरी बांध, शेरगढ़ किला, तारा चंडी शक्तिपीठ, गुप्त धाम, तुतला भवानी मंदिर, पायलट बाबा धाम आदि ।सासाराम सीमेंट, उर्वरक, पत्थर की उत्पादन और वितरण के लिए भी जाना जाता है तथा इसे चावल का कटोरा भी कहते हैं।

सासाराम प्राचीन काल से ही ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है। हाल की खोजों से यह भी साक्ष्य मिले हैं कि सासाराम मध्य पाषाण युग से ही विकसित संस्कृति का केंद्र रहा है, और दुनिया का प्राचीनतम जीवित शहरों में से भी एक है ।जहां जाकर यहाँ की खूबसूरती जरूर एक बार देखनी चाहिए।

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