डेस्क : पुलिस प्रशासन में कार्य कर रहे लोगो का प्रमोशन तो आपने जरूर सूना होगा। लेकिन, आज हम उल्टी बात करने वाले हैं जहाँ पर एक पुलिस कर्मी जो DSP के पद पर था उसको डी-मोट कर दिया गया है। वह इंस्पेक्टर के पद पर आ गया है। आपको बता दें की वादिनी नाम की महिला ने परिवाद दर्ज करवाया था, यह परिवाद 2018 में दर्ज करवाया गया था। महिला का आरोप था की जरार शरखर नाम के व्यक्ति ने उसको शादी का झांसा दिया फिर उसके साथ योन सम्बन्ध स्थापित किया। इस मामले में DSP अहमद ने जरार शरखर को पुणे के थाने में हिरासत में ले लिया गया था।
जरार के घर वालों का कहना है की मामले की फिर से जांच होनी चाहिए। घर वालो का कहना है की उनका बेटा कभी बिहार आया ही नहीं, SP के द्वारा जब मामले की जांच की गई तो सब दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। मामले की जांच हुई तो पता लगा की जरार शेरख़र तो निर्दोष है। जिस महिला पर आरोप लगाया गया है उसका मेडिकल चेकअप नहीं करवाया गया है और बिना आरोप सिद्ध हुए ही सजा सूना दी गई। जरार शेरखर की मौजूदगी और संलिप्तता के आधार पर कोई मामला बनता ही नहीं।
वहीँ दूसरी और DSP की इस लापरवाही की सजा उसको यह मिली की उनको पुराना पद छोड़कर सब इंपेक्टर के पद पर बैठना पड़ा। वह इंस्पेक्टर अब स्थाई रूप से बनाए गए हैं। मामले की गंभीरता को जाने बिना किये गए कार्य में लापरवाही की सजा कुछ इस तरह मिली की इसकी भरपाई अब नहीं हो सकती।