बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत, सस्ती दर में बिजली खरीदेगी कंपनियां

बिहार विद्युत विनियामक आयोग बिजली खरीद लागत में कटौती करेगा। याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए आयोग ने कहा उपभोक्ताओं पर बिजली खरीद लागत के बोझ को कम करने के लिए उपलब्ध सभी विकल्प पर विचार किया जाएगा । आयोग ने यह भी कहा कि कंपनियां अतिरिक्त अनुबंधित पारंपरिक ऊर्जा का उपयोग कर बोझ कम किया जा सकता है। आयोग ने साउथ और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान ये बाते कही। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने दोनों कंपनियों को सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से 210 मेगावाट गैर परंपरागत बिजली की खरीदारी को मंजूरी दी।

इस बिजली का उपयोग दोनों कंपनियों के द्वारा पीक आवर में किया जाएगा। इस सौर हाइड्रो (हाइब्रिड) बिजली की कीमत 6.12 रुपए प्रति यूनिट होगी। यह हाइब्रिड बिजली इस दर से 25 वर्षों तक उपलब्ध रहेगी। आयोग के अनुसार इस संविदा के अंतर्गत पीक आवर में इसकी कीमत तो 6.1 ₹2 प्रति यूनिट ही रहेगी लेकिन ऑफ पीक आवर में इसकी कीमत घटकर 2.88 रुपए प्रति यूनिट हो जाएगी। इससे ऑफ पीक आवर में उपभोक्ताओं को बहुत ही सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध हो सकेगी। कंपनी के मुताबिक पीक आवर सुबह 5:30 से 9:30 और शाम में 5:30 से रात के 12:30 तक होता है। यानी कि सुबह में 4 घंटे और शाम को 7 घंटे। अगर नियमानुसार देखें तो बिहार गैर परंपरागत ऊर्जा के क्षेत्र में बाकी राज्यों से बहुत ही पीछे है।

नियम यह कहता है कि उर्जा के कुल खर्च का 17 फ़ीसदी गैर परंपरागत ऊर्जा होना आवश्यक है। इस कसौटी पर पिछड़ने से बिहार को नुकसान के साथ-साथ हर्जाना भी भरना पड़ता है। इसकी पूर्ति के लिए ही सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया से समझौता किया गया है। साथ ही साथ राज्य सरकार के द्वारा कजरा में 200 मेगावाट और पीरपैंती में 250 मेगा वाट का सौर ऊर्जा प्लांट लगाया जा रहा है।

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