बिहार में पूरा हुआ फ्लोर टेस्ट, विधानसभा में नीतीश ने पीएम पर चलाए तंज भरे शब्द बाण

राज्य में महागठबंधन सरकार ने फ्लोर टेस्ट में सफलता पा ली है। बिहार विधानसभा में सरकार के विश्वास मत पर बहस के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बिना उनपर जमकर निशाना साधा उन्होंने कहा कि ‘बीजेपी के पुराने नेता मुझे काफी मानते थे और मेरी बातों पर ध्यान देते थे। पर अभी केंद्र में काम नहीं, सिर्फ प्रचार हो रहा है।’

सबसे पहले बिहार के मुख्यमंत्री ने साल 2013 से शुरुवात की। उन्होंने तल्ख लहजे में कहा, “हमलोग 2013 में क्यों अलग हुए यह पहले जान लीजिए। उस समय अटल जी की तबीयत ठीक नहीं थी, तो तब बाकी जो नेता थे उनकी बात होनी चाहिए थे।” यदि मुख्यमंत्री की बात का विश्लेषण किया जाए तो वो इशारों-इशारों में बताना चाह रहे थे कि उनकी इच्छा थी की 2014 के चुनाव में बीजेपी के बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाए। तंज कसते हुए उन्होंने आगे कहा, “अटल जी, आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी जी सभी आप ही के पार्टी के नेता थे। यह सभी मेरी बात सुनते थे और मानते थे।”

नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी के बड़े नेता मुझे कितना मानते थे इससे भी समझ लीजिए कि “जब बिहार के इंजीनियरिंग कॉलेज जिससे मैंने भी पढ़ाई की है, उसे एनआईटी का दर्जा नहीं मिला था और हमने कहा तो कैबिनेट बुलाकर उसे मान्यता दी गई। उन्होंने दूसरी तरफ मौजूदा सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि इन लोगों ने पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने का मेरा अनुरोध स्वीकार नहीं किया।”

बिना नाम लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए नीतीश बोले कि “आज काम नहीं प्रचार हो रहा है। लोगों की आमदनी घट रही है। किस प्रकार का काम हो रहा है।रोज रोज केवल प्रचार हो रहा है और काम नहीं। बिहार में सड़कें आठ सालों से नहीं बन रही हैं, अटल जी की सरकार में फैसला हुआ था कि बिहार के गांव-गांव में सड़कें बनाई जाएं।” बीजेपी विधायकों के आरोपों का जवाब देते हुए नीतीश ने कहा, “मेरे खिलाफ आप बोलोगे तो आपको जगह मिलेगी। जो लोग मेरे साथ पहले थे, उन्हें मौका नहीं दिया गया। मेरे खिलाफ बोलोगे और दिल्ली वाला जगह देगा, तब हमको अच्छा लगेगा।”

नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी से अलग होने के बाद देशभर से मुझे फोन आ रहे हैं कि आपने बहुत अच्छा किया। मुख्यमंत्री ने कहा, “आजादी के 75वें वर्ष पर यह कह रहे थे यह काम होगा, वह काम होगा। पहले यह तो बताइए कि आजादी की लड़ाई में कहां थे आप लोग? क्या आजादी की लड़ाई लड़े हैं? मेरी बात सुन लीजिए, यह लोग बापू को खत्म करना चाहते हैं। समाज में टकराव खड़ा करना और हिंदू-मुस्लिम का झंझट पैदा करना इनका काम है।”

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