बिहार में पहली बार गंगा के बाढ़ का पानी होगा इस्तेमाल, पर्यटकों को भी होगा लाभ..

डेस्क : बिहार में प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण आध्यात्मिक पर्यटन का केंद्र बोधगया, गया और राजगीर के लोगों को पीने के लिए स्वच्छ, शुद्ध और संसाधित गंगा जल अब मिलने वाला है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन स्थानों के लिए बाढ़ के पानी को पीने के पानी में बदलने की पहल भी की है क्योंकि उनकी भौगोलिक स्थिति के कारण गंगा का पानी तक उनकी पहुंच नहीं है.

मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट हैं ‘हर घर गंगाजल’
बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘हर घर गंगाजल’ को सफलतापूर्वक लागू भी किया, जो बिहार के लाखों निवासियों और राज्य के पर्यटकों के चेहरों पर खुशी भी लाएगा. इस कार्य के लिए मुख्यमंत्री के साथ-साथ जल संसाधन विकास मंत्री संजय झा और इंजीनियरिंग की दिग्गज कंपनी मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) की भी सराहना जरूर होनी चाहिए.

नदियों के पानी को जलाशयों में संग्रहित किया जाएगा

भले ही गंगा इस क्षेत्र से होकर बहती है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में पानी की अनुपलब्धता के कारण साल भर गंभीर पेयजल की समस्या का सामना भी करना पड़ता है. इस समस्या को दूर करने के लिए एक दुर्लभ अवधारणा और भारत में अपनी तरह की पहली परियोजना भी शुरू की गयी, जहां मानसून के दौरान अतिरिक्त नदी के पानी को जलाशयों में भी संग्रहित किया जाएगा और बाद में 365 दिनों तक लोगों को पीने योग्य स्वच्छ जल की आपूर्ति की जाएगी.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 27 नवम्बर 2022 को राजगीर में परियोजना का उद्घाटन करेंगे; गया और बोधगया का उद्घाटन 28 नवंबर 2022 को होना है.

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