Bihar में पुलों के बाद अब सरकारी नाव चोरी – जानें – कैसे हुआ ये अजीबोगरीब खेल..

डेस्क : बिहार में जहां एक ओर प्रशासन संभावित बाढ़ की रोकथाम को लेकर लगातार तैयारी में लगा हुआ है। तो वहीं एक सरकारी नाव के चोरी होने की अजीबोगरीब घटना से पोठिया अंचल प्रशासन हैरानी में है। बता दें कि मामला सारोगोड़ा पंचायत के बक्सा सरस्वती घाट से जुड़ा हुआ है। यहां से एक सरकारी नाव एक जुलाई रात के बाद चोरी हो गई है। हालांकि बिहार में चोरी का यह कोई पहला मामला नहीं है बता दें कि इससे पहले भी बिहार के अन्य जिलों से पुलों की चोरी की घटनाएं भी सामने आई हैं। इससे कहा जा सकता है कि नदी पार करने के साधनों पर अपराधियों की नजर बनी हुई है। 

जानकारी के लिए बता दें कि वहीं दूसरी ओर किशनगंज में नाव चोरी के मामले पर नाविक मु. मोहसीन ने पोठिया सीओ को एक आवेदन भी दिया है। जिसके तहत नाविक का कहना है कि वह 1968 से इस घाट पर सरकारी नाव चला रहे हैं। एक जुलाई को शाम के समय नाव को जंजीर और ताला से बांधकर वे अपने घर चले गए। घर भी उनका घाट के पास में ही है। दो जुलाई को सुबह जब वे घाट वापस लौटे तो नाव वहां पर मौजूद नहीं थी। हालांकि नाव को वहां न पाकर उन्होंने काफी ढूंढा भी लेकिन कहीं कुछ पता नहीं चल पाया। घटना की जानकारी के बाद सोमवार को सीओ समेत हल्का कर्मचारी डोंक नदी स्थित बक्सा गांव पहुंचे तथा घाट का मुआयना करते हुए ग्रामीणों से बात की।

गौरतलब है कि इसे लेकर पोठिया थाना में हल्का कर्मचारी ने अज्ञात के विरुद्घ प्राथमिकी दर्ज किए जाने की तैयारी की जा रही थी। नौका, बक्सा सरस्वती घाट पर रहता था तथा बक्सा को धोबीडांगा से जोड़ता था। हालांकि नाव चोरी होने की घटना आसानी से ग्रामीणों तथा प्रशासन के गले के नीचे नहीं उतर रही है। इस कारण इसकी भी संभावना जताई जा रही है कि किसी शरारती तत्व द्वारा नाव का ताला और जंजीर काटकर बहाव के साथ आगे नौका बहा दी गई हो या फिर डुबो दिया गया हो।

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