Bihari Reporter

बिहारी रिपोर्टर

बिहार में सालाना 17000 लोगों को क्यों हो रहा है आर्सेनिक का कैंसर ? – यह जानें कैसे बचे बीमारी से

डेस्क : बिहार में इस वक्त एक ताजा रिपोर्ट निकल कर आई है जो कहती है कि बिहार में कैंसर रोगी बढ़ गए हैं। बता दें कि प्रति वर्ष 17 हजार के करीब लोग कैंसर रोगी हो रहे हैं। सरकार ने लोगों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए इस रिपोर्ट पर काम करना शुरू कर दिया है। इस कैंसर के होने के पीछे मुख्य कारण आर्सेनिक धातु बताई जा रही है। आर्सेनिक को किसान भाई सिंचाई के दौरान इस्तेमाल करते हैं। बता दें की यह आर्सेनिक पानी में न होकर अब आलू चावल और गेहूं तक पहुँच गया है। जैसे ही लोग इस गेहूं चावल को घर पर लाकर खाते हैं तो आर्सेनिक उनके शरीर में चला जाता है और कैंसर का कारण बनता है।

ज्यादा जानकारी के लिए बता दें कि आर्सेनिक की क्वांटिटी पानी में 10 माइक्रोग्राम होनी चाहिए यह नियम WHO द्वारा लाया गया है। यदि इससे ज्यादा होता है तो यह हमारे लिए घातक है। बिहार की 80% से ज्यादा जनता ऐसी है जो पानी को जमीन से निकालकर इस्तेमाल करती है। ऐसे में वह इस पानी का इस्तेमाल पानी पीने में, खाना बनाने में करते हैं और यही उनको कैंसर रोगी बनता है। बिहार में आर्सेनिक की मात्रा बेहद ही ज्यादा इस्तेमाल की जाती है क्यूंकि लोग बोरवेल के पानी पर ठीके हैं। लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ अब आम बात हो गई है।

ऐसे बचे आर्सेनिक के पानी से

यदि आप पानी में फैले आर्सेनिक घातक प्रभाव जैसे कैंसर से बचना चाहते हैं तो बहते हुए पानी का उपयोग करें। बारिश या नदी के पानी को इस्तेमाल में लाए और बोरवेल के पानी से दूरी बना के रखें। सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करे की वह आर्सेनिक ट्रीटमेंट प्लांट बनवाए और यदि आप आर्सेनिक के पानी में काम करते हैं तो बच्चों को इससे दूर रखें। सरकार द्वारा जल जीवन चलाई जा रही योजना का पूरा समर्थन करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *