Bihar में शराबबंदी कानून को ले Patna High Court का महत्वपूर्ण आदेश – अदालत ने लगाई फटकार

डेस्क : पटना High Court ने शराबबंदी कानून को लागू करने वाली प्रणाली की त्रुटियां गिनाते हुए इसे सही तरीके से लागू करने की सलाह दी है। एक याचिका की सुनवाई के दौरान एकलपीठ के न्यायाधीश पूर्णेंदु सिंह ने कहा हैं कि बिहार के मद्यनिषेध और उत्पाद प्रतिबंधन कानून को ठीक से लागू न होने के कारण नागरिकों के जीवन और पर्यावरण पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

अवैध शराब को नष्ट करने की वजह से पारिस्थितिकी असंतुलन पैदा हो रहा है। स्टेट को चाहिए कि वह प्रभावी रूप से इस कानून को लागू करने में वैज्ञानिक और ईको फ्रेंडली तकनीक को अपनाए। याचिका नीरज सिंह की तरफ से दायर की गई थी। न्यायाधीश ने 20 पेज के आदेश में शराबबंदी कानून के 9 प्रतिकूल प्रभावों की चर्चा की।

High court की नजर में ये हैं त्रुटियां

  1. राज्य के बाहर और नेपाल से शराब की तस्करी बढ़ी हैं जो एक आर्थिक अपराध है ।
  2. शराब तस्करी में चोरी किये हुए वाहनों का उपयोग और उसमे फर्जी रजिस्ट्रेशन का इस्तेमाल।
  3. मासूम बच्चों को भी शराब तस्करी में शामिल करना।
  4. शराब को नष्ट करने से पर्यावरण पर पड़ने वाला प्रतिकूल असर।
  5. तलाशी, जब्ती एवं जांच के संचालन में जांच अधिकारी द्वारा छोड़ी गई कमियां।
  6. दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक करवाई करने में राज्य सरकार की विफलता।
    7.मानव क्षमता की हानि -शराबबंदी ने सस्ती शराब और नशीली दवाओं के सेवन को बढ़ावा मिला है, जिससे अवैध शराब की समानांतर अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है ।
  7. नशीली दवाओं खपत और इसके आदी व्यक्तियों की संख्या में भी तेज वृद्धि
    9.जहरीली शराब – मिथाइल अल्कोहल के सेवन से होने वाली मृत्यु

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