बिहार में जमीन म्यूटेशन में नहीं होगी देर, पारदर्शिता के साथ अंचलाधिकारी काम करने के लिए हुए बाध्य

डेस्क : भूमि सुधार से जुड़ेन सार कार्य ऑनलाइन होने जा रहे हैं। सभी उप समाहर्ता एवं अपर समाहर्ता के आदेशों का पालन किया जाएगा। इसके लिए जितने भी अंचलाधिकारी मौजूद है उनको समय से हर नियम का पालन करना अनिवार्य होगा। अब पहले की तरह वरीय अधिकारियों का टालमटोल नहीं चलेगा। पहले ऐसा कई बार देखा गया था कि सीओ भूमि के मामलों में टालमटोल कर जाते थे लेकिन जैसे ही भूमि से जुड़ा कार्य ऑनलाइन हो जाएगा, तो इस कार्य में पारदर्शिता आएगी और पुराने से पुराने लेखा-जोखा किसी भी वक्त ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है।

अब अधिकारियों को और लोगों को अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने होंगे, जितनी भी रैयत जमाबंदी के मामले हैं उनमें डीसीएलआर के पास अपील करने जाना होता था। इसके बाद सीओ के पास भी जाना होता था लेकिन जब अधिकारियों के दफ्तरों में जाया जाता था तो कह दिया जाता था की कॉपी नहीं है कल आना और इस तरह कई चक्कर लग जाते थे। लेकिन, अब उन सभी तरह के चक्करों से मुक्ति मिलने वाली है।

राजस्व भूमि सुधार विभाग के मुख्य सचिव विवेक कुमार का कहना है कि अगर अंचल अधिकारी किसी आदेश का पालन नहीं करेंगे तो उनको निरस्त कर दिया जाएगा एवं साथ में किसी भी जमाबंदी को निरस्त करने का आदेश ऊपर से आया है और इसका पालन करना ही होगा। जमीन के म्यूटेशन के जितने भी मामले थे उनमें ए डी एम और डीसीएलआर के आदेशों का पालन करना होता था।

भूमि म्यूटेशन का कार्य ऑनलाइन करने के लिए नए पोर्टल की तैयारी जोर शोर से चल रही है जैसे ही यह तैयार हो जाएगा वैसे ही इसकी ट्रेनिंग लोगों को दी जाएगी। जो आदेश ऊपर से आएंगे वह सी ओ के कार्यालय में मेल पर प्राप्त होंगे, यह एक प्रकार की आंतरिक व्यवस्था जो स्वचालित तरीके से चलेगी। सभी अधिकारी म्यूटेशन का कार्य करने हेतु बाध्य किए गए हैं।

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