बिहार विधानसभा चुनाव 2020: BJP ने दिए रणनीति में बदलाव के संकेत पर ऐसा करने के पीछे वजह क्या है?

डेस्क : ऐसे संकेत मिल रहे है कि बीजेपी आज पहले चरण के मतदान के बाद अपनी रणनीति बाकी दो चरणों की 172 सीटों के लिए में जरूरी बदलाव कर सकती है। भाजपा नेताओं को लग रहा है कि इस चुनाव में नौकरियों व रोजगार का मुद्दा प्रभावी हो सकता है और इस पर उसे लोगों को भरोसा दिलाना ही होगा कि उसकी सरकार बनने पर नौकरियां व रोजगार बढ़ेंगे।

भाजपा अपने केंद्रीय प्रचारकों के जरिए इस बात को युवाओं तक पहुंचाएगी कि रोजगार को लेकर वह सबसे ज्यादा फिक्रमंद हैं और उसके कार्यकाल में किस तरह से रोजगार का सृजन हुआ है। इसमें विभिन्न स्तरों पर दिए जा रहे आसान कर्ज योजनाओं और सरकारी क्षेत्र में निकाली जा रही नौकरियों का भी जिक्र किया जाएगा। लोगों को यह भी बताया जा रहा है कि कोरोना काल में रोजगार खोने के बाद अब किस तरह से रोजगार बहाली के लिए तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं।

भाजपा अपने संगठन तंत्र के जरिए हर विधानसभा क्षेत्र से जनता के रुख की जानकारी जुटा रही है कि विभिन्न दलों ने जो वादे किए हैं वह जनता को किस तरह से प्रभावित कर रहे हैं। खासकर नौकरियों को लेकर किए वादों का जनता में कितना असर है? दरअसल राजद के दस लाख सरकारी नौकरियों के वादे को लेकर चिंताएं बढ़ी हुई हैं क्योंकि इससे युवा मतदाता विपक्ष की तरफ जा सकता है। विपक्ष के वादे की काट के लिए भाजपा ने अभियान ते शुरू कर ही दिया है और वह इसकी आलोचना व काट निकालने के बजाए लकीर को बड़ी करने की कोशिश कर रही है।

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