क्या सच में व्याकुल आत्मा हैं चिराग- जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण का बड़ा बयान

डेस्क : इस बार कोरोनाकाल में चुनाव हो रहा है। चुनाव आयोग द्वारा कई निर्देश दिए गए हैं। इसे लेकर आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए चुनाव में हिस्सा लेना है। मतदाताओं के बीच जाकर ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदान करने की अपील करें। गठबंधन के सभी दल के उम्मीदवारों को जिताने का प्रयास करें। निश्चित रूप से यह चुनाव दिलचस्प भी है। देश में बिहार पहला राज्य है, जहां यह प्रयोग हो रहा है। बिहार में जिस तरह से कोरोना कंट्रोल हुआ है, यह एक उदाहरण है। सभी कार्यक्रमों में जनता जिस तरह से भाग ले रही है, इसका मतलब है कि जनता के दिमाग में लोकतंत्र के प्रति नई जागृति आई है।

इस बार विधानसभा चुनाव में कई ऐसे चेहरे हैं, जो मैदान में दिख तो नहीं रहे हैं, लेकिन अपनी पार्टी के लिए रणनीति जरूर बना रहे हैं। उनमें से एक रणनीतिकार जदयू के प्रदेश अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह भी हैं। स्वास्थ्य कारणों से चुनावी मैदान में तो नहीं हैं, लेकिन अपनी पार्टी के लिए बड़े फैसले ले रहे हैं।

लोजपा प्रमुख चिराग पासवान के बारे में सिंह का कहना है कि जदयू उनको गंभीरता से नहीं लेती है। वह व्याकुल आत्मा हैं। इससे उनको फायदा नहीं होने वाला है। बकौल वशिष्ठ मैं इसको दिलचस्प नहीं मानता हूं। चिराग पासवान पर हमारी पार्टी कोई प्रतिक्रिया नहीं देती है और न हम उसको महत्व देते हैं। चिराग पासवान खुद घोषणा कर चुके थे कि उनका संबंध भाजपा के साथ है तो उनके वक्तव्य से बिहार के मतदाता प्रभावित होंगे? देखिए, जमीन जब खिसकती है तो व्याकुलता में आदमी बहुत कुछ बोलता है। वही व्यग्रता है। रोज सुर्खियों में रहने के लिए ऐसा करते हैं।

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