एक समय था जब क्रिकेट के कारण स्कूल ने निकाला, अब टीम इंडिया में शामिल हुए बिहार के इशान किशन

डेस्क : क्रिकेट खेलना हर भारतीय को बचपन से पसंद होता है और युवा पीढ़ी भी इस खेल में जमकर नाम कमाना चाहती है। कई नौजवां अपने आपको इस खेल में दिन रात झोंके हुए हैं। कई सूरमाओं ने अपनी पढ़ाई इस खेल के लिए दांव पर लगा दी है। कुछ ऐसी ही आहुति पटना के खिलाड़ी ईशान किशन ने दी है। बता दें की बीते शनिवार को ईशान किशन ने टी-20 मैच में इंग्लैंड के खिलाफ ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की और पूरे बिहार का नाम गर्व से ऊंचा किया। बीते शनिवार ही हजारे ट्रॉफी का आयोजन किया गया था जिसमें ईशान किशन ने शतक जड़ा।

ईशान किशन के माता पिता को उसके ऊपर काफी गर्व है। ईशान के पिता प्रणव पांडेय का कहना है की भगवान की कृपा की वजह से ही ऐसा हुआ है और उनकी माता सुचित्रा सिंह का कहना है की उनको छठी मइयां पर पूरा भरोसा है की वह सबके दुःख हर लेती हैं। बता दें की इस बिहार के लड़के ने अब भारतीय टीम में अपनी जगह स्थापित कर ली है। उनकी माँ का छठ पूजा करना रंग लाया है। उनकी माँ का कहना है की 2016 में जब ईशान को भारतीय अंडर 19 की टीम के कप्तान को चयनित किया गया था, तो वह बहुत खुश हुई थी। अब ईशान किशन भारतीय टीम में शामिल हो गया है तो ख़ुशी और बढ़ गई है।

ईशान के घर वाले और यार दोस्तों का कहना है की ईशान का शुरू से मन पढ़ाई लिखाई में नहीं लगता था। क्रिकेट खेलने के कारण उसको स्कूल से भारत कर दिया था लेकिन किसी तरह घर वालो की मदद से उसको स्कूल भेज दिया गया और उसने जैसे तैसे दसवीं की परीक्षा पास कर ली। ईशान किशन के ऊपर उनके कोच संतोष कुमार और मजूमदार का हाथ रहा है। बिहार में क्रिकेट की व्यवस्था बिलकुल भी सही नहीं थी जिसके चलते उनको झारखण्ड क्रिकेट के साथ जुड़ना पड़ा। लेकिन उन्होंने अपने खेल में किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ी।

ईशान किशन ने देवधर, रणजी, दिलीप और ईरानी ट्रॉफी में बेहद ही सुंदर प्रदर्शन किया इसके बाद जो पिछले वर्ष आइपीएल हुए उसमें वह मुंबई इंडियंस की ओर से जमकर खेले थे। वह दिन भी अब दूर नहीं है जब भारत वासी ईशान नाम के इस बेहतरीन प्रदर्शन करने वाले खिलाडी को वन डे और टेस्ट टीम में खेलता पाएंगे।

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