बिहार में बिल गेट्स की यह बेटी बनना चाहती मास्टरनी, धर्मपिता के इंतजार में बीत गए हैं 10 साल

डेस्क : विश्व में अगर किसी को गरीबी देखनी होती है तो वह भारत की ओर जरूर रुख करता है। ऐसे में दुनिया के सबसे अमीर आदमियों में जाने जाने वाले बिल गेट्स भी किसी से कम नहीं हैं। उनका नाम भी नामी-गामी लोगों में आता है जो इस वक्त के बड़े दानी है। अक्सर ही वह गरीब बच्चों को गोद लेते हैं और उनकी देख-रेख का जिम्मा उठाते हैं।

बिहार में पटना शहर से सटे दानापुर में जमसौत पंचायत स्थित है। बिल गेट्स यहाँ पर 2011 में अपनी पत्नी संग आए थे और बिहार सरकार के साथ एक समझौता किया था। बिल गेट्स ने बिहार सरकार के साथ चर्चा की शिशु मृत्यु दर पर जो बिहार में काफी ज्यादा थी लेकिन समय समय के साथ यह दर कम हो रही है और नए-नए अस्पताल के संसाधन की वजह से अब शिशु मृत्यु दर में कमी आई है।

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बता दें की जिस गाँव में बिल गेट्स गए थे, वहां पर ज्यादातर गाँव वाले चूल्हा जलाने के लिए लकड़ियां बीनने घर से बाहर जाते हैं। उस वक्त बिल गेट्स ने अपनी बेटी को गोद लिया था। गाँव को लेकर बड़ी-बड़ी चीजों पर चर्चा की गई लेकिन अब 10 साल बीत चुकें हैं और किसी भी तरह का कोई बदलाव गाँव में नहीं किया गया है। बेटी के जो असली पिता हैं वह खाने के लिए रोटी का जुगाड़ भी बेहद ही मुश्किल से कर पाते हैं। बेटी के पिता का नाम साजन मांझी है। उन्होंने अपने पूरे परिवार को एक जर्जर मकान में रखा हुआ है और वह कहते हैं की आप देख ही लीजिये किस तरह से हम परिवार संग गुजारा कर रहे हैं। परिवार अपनी बेटी को डॉक्टर या टीचर बनाना चाहता है। उनका मानना है की अगर कोई गाँव से कुछ बनकर दिखायेगा तभी तो तर्रकी होगी।

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गाँव में औरतों का हाल कुछ इस तरह है की अगर उनको जागरूक करने के लिए जानकारी दी जाए तो उनको दुष्कर्म का मतलब भी नहीं पता होता है। गाँव में सेनेटरी पैड की जानकारी देने के लिए अभियान चलाए गए है। बता दें कि बिल गेट्स की पहल के बाद से गांव इतना पिछड़ा हुआ है कि अभी तक किसी ने यह विचार नहीं किया कि इस गांव को आगे बढ़ाने के लिए क्या करना होगा।बता दे कि भारत में अगर बड़ी से बड़ी शख्सियत कहीं भाग जाती है तो वहां का विकास होता है लेकिन इस गांव की किस्मत में शायद यह नहीं लिखा।

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