बिहार विधानसभा चुनाव 2020: मधेपुरा जिले में कौन मारेगा इस बार बाज़ी NDA या महागठबंधन…

डेस्क : बिहार (Bihar) की मधेपुरा जिले की चार सीटों मधेपुरा विधानसभा सीट (Madhepura assembly seat), आलमनगर विधानसभा सीट (Alamnagar assembly seat), बिहारीगंज विधानसभा सीट (Bihariganj assembly seat) और सिंघेश्वर विधानसभा सीट ((Singheshwar assembly seat) पर सबकी नजर इस बार के चुनावों में होगी।

मधेपुरा के बारे में एक कहावत बेहद ही चर्चित है- ‘रोम पोप का, मधेपुरा गोप का’, यह कहावत ये दिखाती जिले में यहां जातीय समीकरण और जातीय वोट का कितना असर रहता है। मधेपुरा कभी समाजवाद का गढ़ कहा जाता था। यहां की दो सीटों पर पहले ही चुनाव में समाजवादी पार्टी ने जीत दर्ज कर की थी। बाद में समाजवादी धारा से निकले लालू यादव (Lalu Yadav) ने इस इलाके पर अपना वर्चस्व बनाया।

दरअसल ऐसा है की मधेपुरा सीट पर मुस्लिम और यादव वोट समीकरण हावी रहता है। जिससे चलते राजद के लिए यहाँ समीकरण अच्छे बनते हैं। इसलिए इस बार भी माना जा रहा है की इस बार मधेपुरा के चारो सीटों में से तीन सीटों पर एनडीए के लिए समीकरण अच्छे बन रहे हैं क्योंकि नीतीश कुमार और बीजेपी एक साथ हैं।लेकिन इस बार चुनावी समीकरण बदल चुके हैं। नीतीश कुमार अब बीजेपी (BJP) के साथ एनडीए में हैं। लेकिन मधेपुरा सीट पर अभी भी राजद की बढ़त मानी जा सकती है।

यहाँ चार सीटों पर लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) का कितना असर है। इसका अंदाजा पिछले दो विधानसभा चुनाव से लगाया जा सकता है। बात अगर साल 2010 की करे जब नीतीश कुमार (Nitish Kumar)की बिहार में लहर चल रही थी उस वक्त भी मधेपुरा सीट पर आरजेडी (RJD) के प्रत्याशी प्रोफेसर चंद्रशेखर ने जीत दर्ज की। ये सिलसिला वही नहीं रुका बल्कि यही कहानी उन्होंने 2015 में दोहराई।

हालांकि ये अलग बात है 2015 में लालू यादव और नीतीश कुमार महागठबंधन(Mahagathbandhan) में साथ थे। 2015 के चुनाव में मधेपुरा की चारों सीटों मधेपुरा विधानसभा सीट, आलमनगर विधानसभा सीट, बिहारीगंज विधानसभा सीट और सिंघेश्वर विधानसभा सीट पर महागठबंधन ने क्लीन स्वीप की थी। साथ ही यहाँ से एनडीए (NDA) का सूपड़ा साफ कर दिया था।

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