बिहार में खोले जाएंगे नए कृषि कालेज – अब स्‍कूल से ही पढ़ाएंगे खेती..

डेस्क : बिहार की सरकार कृषि शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए नये कृषि महाविद्यालयों की स्थापना करेगी। कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने विभागीय अधिकारियों को इसके लिए संभावनाएं को तलाशने के भी निर्देश दिए हैं। दरअसल, कृषि मंत्री का यह मानना है कि 1.5 करोड़ से अधिक किसानों की संख्या वाले राज्य में कृषि शिक्षा को जन-जन तक पहुंचाए बिना कृषि आधारित राज्य की तरक्की बिल्कुल नहीं हो सकती है।

शुष्‍क क्षेत्रों में बागबानी पर हैं जोर : आने वाले दिनों बिहार के कृषि जगत में अब बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। बिहार के विद्यार्थी भी एक कुशल प्रोफेशनल्स तैयार होकर इंडस्ट्री के लिए निकलेंगे। इससे कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति भी आएगी। इसके साथ ही दक्षिण बिहार के शुष्क क्षेत्रों में बागबानी को भी बढ़ाने के लिए विशेष कार्य किया जाएगा। ड्रिप तथा स्प्रिंकलर सिंचाई का लाभ अधिक-से-अधिक किसानों तक पहुंचाने को एक अभियान चलाया जाएगा।

डिजिटल तकनीक से मिलेंगी ये सुविधाएं : दक्षिण बिहार के जिलों में जलछाजन का विकास किया जाएगा। किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए डिजिटल कृषि की शुरुआत भी की जाएगी। इससे डिजिटल तकनीक के माध्यम से कृषि संबंधी सभी सुविधाओं को किसानों तक पहुंचाने में मदत भी मिलेगी। निर्धारित समय में समस्याओं का समाधान की ठोस व्यवस्था करने के निर्देश कृषि मंत्री ने दे दिए हैं।

इन कालेजों में होती हैं कृषि की पढ़ाई : वर्तमान समय में राज्य बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अधीन कृषि अनुसंधान संस्थान, मीठापुर के परिसर में कृषि व्यवसाय प्रबंधन महाविद्यालय, बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अधीन सबौर, भागलपुर में एक कृषि जैव प्रौद्योगिकी महाविद्यालय और बिहार कृषि विश्वविद्यालय के अधीन आरा, भोजपुर में कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय की स्थापना की पढ़ाई चल रही है। इसके अलावा राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के अधीन पंडित दीन दयाल उपाध्याय उद्यान एवं वानिकी महाविद्यालय मोतिहारी भी संचालित है।

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