बिहार में शराबबंदी कानून को प्रभावी बनाने के लिए सरकार अब जासूसों की लेगी मदद, जानें – पूरा प्लान..

डेस्क : बिहार में शराबबंदी को सफल बनाने के लिए अब सरकार हर संभव कड़े कदम उठाने में कोई कोताही नही छोड़ना चाहती. हेलिकॉप्टर से लेकर ड्रोन कैमरे और स्टीमर से निगरानी रखने के बाद अब राज्य सरकार शराब माफियाओं पर नकेल कसने के लिए डिटेक्टिव एजेंसीज की भी मदद लेने में जुट गई है. शराबबंदी को और अधिक सख्ती से लागू करने के मकसद से अब निजी जासूसों की सेवा भी ली जाएगी. मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग ने शराब माफिया के जड़ों को तलाशने के लिए निजी जासूसों की खोजबीन जोरों शोरों से शुरू कर दी है

इस तरह की निजी एजेंसियां देशी शराब बनाने वालों के साथ साथ विदेशी शराब की आपूर्ति करने वाले माफियाओ के बारे में भी न केवल बड़े पैमाने पर जानकारी इकट्ठी करेंगी बल्कि सम्बंधित एजेंसी को जानकारी भी देगी जिसके आधार पर ही विभाग कार्यवाही करेगा. इसके बदले में जासूसी करने वाली एजेंसी को निश्चित राशि कमीशन के तौर पर भी अदा की जाएगी. विभागीय अधिकारियों की मानें तो निजी जासूस शराब बेचने के जुर्म में पकड़े गये अभियुक्तों से हुई पूछताछ में मिले सुरागों के ही आधार पर अपने स्तर से भी जांच करेंगे.

इन जासूसों के माध्यम से शराब के धंधे में लगे आखिरी कड़ी तक भी पहुंचने का प्रयास किया जा सकेगा. यह जासूस राज्य के बाहर के शराब माफिया के बारे में भी एकदम अहम जानकारी जुटाएंगे. मिली जानकारी और इनपुट के आधार पर पुलिस और उत्पाद की टीम कार्रवाई में सहयोग करेगी. मद्य निषेध विभाग का यह दावा है कि शराब के नापाक कारोबार के खिलाफ कार्यवाही में पिछले 6 माह में बिहार में काफी तेजी आयी है. शराब पीने और बेचने वालों की गिरफ्तारी पहले से 10 गुना तक बढ़ गई है लेकिन बड़े-बड़े शराब माफिया अब भी पकड़ से बाहर ही हैं।

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