Bihar में अब मोबाइल एप से होगी जाति आधारित गणना, जानें – किस जाति में कितनी उपजातियां हैं…

डेस्क : बिहार में होने जा रही जातिय आधारित गणना में पटना सहित सभी जिलों में कुल 204 जातियों को गिना जाना हैं। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कुल 204 जातियां होने की सूची राजधानी पटना सहित सभी जिलों को उपलब्ध कराई गई थी। साथ ही यह सुझाव भी मांगा गया था कि अगर कहीं इससे ज्यादा जातियां हैं तो उसकी भी जानकारी अवश्य साझा कर दें। इसी आधार पर पटना DM ने इसके सत्यापन के लिए सभी BDO और CO को पत्र भेजा था। प्रखंडों से आई एक रिपोर्ट के अनुसार भी पटना जिले में कुल 204 जातियों के लोग निवास करते हैं।

गौरतलब है कि सामान्य प्रशासन विभाग के स्तर से वर्गवार जारी जातियों की सूची के ही आधार पर ही सभी जिलों में जातियों की भी गणना होगी। सरकारी दस्तावेज में दर्ज की गई जातियों की संख्या के अनुसार, अनुसूचित जाति (SC) वर्ग में 22, अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग में 32, पिछड़ा वर्ग में 30, अत्यंत पिछड़ा (EBC) वर्ग में सबसे ज्यादा 113 और उच्च वर्ग में सबसे कम 7 जातियां यहां निवास करती हैं। अब तक के रिकॉर्ड के मुताबिक, राज्य में अधिकतम कुल 204 जातियां ही मौजूद हैं।

इस सूची के ही आधार पर ही सभी जिलों में यह गिनती की जाएगी कि किस जिले में किस वर्ग की कितनी जातियां अभी मौजूद हैं। इसके तहत अलग-अलग जिलों में जातियों की संख्या उनके वर्ग के आधार पर अलग भी हो सकती है। गणना के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि वर्तमान में राज्य में मौजूद जातियों की संख्या अब कितनी है, यह कुल 204 से ज्यादा या इससे भी कम हो सकती हैं। साथ में यह भी स्पष्ट हो जाएगा कि किस जाति की आबादी यहाँ कितनी है।

पटना जिले में DDC की अध्यक्षता में कोषांग गठित : हर जिले के DM को जाति आधारित गणना का नोडल सह प्रधान गणना अधिकारी भी बनाया गया है। पटना जिले में गणना के लिए DDC की अध्यक्षता में कोषांग गठित किया गया है। इस कोषांग में अपर समाहर्ता राजस्व, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी भी शामिल हैं। पटना में 23 प्रखंड, 1 नगर निगम, 12 नगर परिषद, 4 नगर पंचायत और 1 छावनी परिषद है। पटना के जिला सांख्यिकी पदाधिकारी ने यह बताया कि अकेले पटना जिले में 4000 से अधिक गणना खंड बनाए जाएंगे। जातिगत गणना शुरू करने को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग के स्तर से भी आवश्यक दिशा निर्देश का अभी इंतजार हो रहा है। इससे पहले की सभी प्रशासनिक तैयारियां जिला स्तर पर ही चल रही हैं।

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