बिहार : अब 4 साल में मिलेगी ग्रेजुएशन की डिग्री, जानें – UGC का नया प्लान..

डेस्क : देश के सभी विश्विद्यालयों में नये सत्र 2023 से 4 वर्षीय ग्रेजुएशन कार्यक्रम लागू कर दिया जायेगा. UGC ने फोर इयर अंडर ग्रेजुएट प्रोग्राम (AFYUP) का नियम तैयार कर लिया है. इसे जल्द ही जारी भी कर दिया जायेगा. UGC के चेयरमैन प्रो एम जगदीश कुमार ने बताया कि सत्र 2023 से सभी विश्विद्यालयों में स्टूडेंट्स को 4 साल के स्नातक कोर्स में एडमिशन लेने का विकल्प होगा. यह नयी शिक्षा नीति के अनुरूप ही होगी.

हर स्तर पर कोई-न-कोई सर्टिफिकेट प्राप्त होगा
AFYUP में यह तय है कि अंडर ग्रेजुएशन कोर्स में एंट्री के कई तरीके भी होंगे और पढ़ाई बीच में छोडने वाले स्टूडेंट्स को हर स्तर पर कोई-न-कोई सर्टिफिकेट भी प्राप्त होगा. अंडरग्रेजुएट कोर्स में 1 साल की अवधि पूरा करने वाले स्टूडेंट्स को सर्टिफिकेट भी प्राप्त होंगे, जबकि 2 साल पूरा करने वाले स्टूडेंट्स को डिप्लोमा की डिग्री प्राप्त होगी.

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 4 साल के कोर्स को मंजूरी
3 साल यानी 6 सेमेस्टर पूरा करने वाले स्टूडेंट्स को बैचलर डिग्री मिलेगी और 4 साल पूरा करने वाले स्टूडेंट्स को बैचलर डिग्री के साथ ऑनर्स प्राप्त होगा और रिसर्च डिग्री प्राप्त होगी. इस नियम को जल्द ही जारी भी कर दिया जायेगा. दिल्ली यूनिवर्सिटी ने 4 साल के कोर्स को मंजूरी दे दी है.

पुराने छात्रों को भी मिलेगा मौका
प्रो कुमार ने कहा कि विश्विद्यालयों 2023-24 सत्र से AFYUP को अपनायेगी. वे एकेडमिक और एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में नियम को पास कर फर्स्ट, सेकेंड के साथ-साथ इस समय थर्ड सेमेस्टर में पढ़ाई करने वाले छात्रों को भी नये स्कीम के दायरे में लाने का मौका भी दे सकती हैं. उन्होंने कहा कि अगर 2023 सत्र से इसे लागू किया जायेगा, तो 4 साल बाद इसका असर दिखेगा, लेकिन इसमें पुराने छात्रों को अगर मौका मिलेगा, तो 1 साल में रिजल्ट सामने आ जायेगा. 1 साल में ही यह बदलाव का फायदा स्टूडेंट्स को मिलने लगेगा.

उच्च शिक्षा में होना है बड़ा बदलाव होगा
प्रो कुमार ने कहा कि यह उच्च शिक्षा में बड़ा बदलाव साबित होगा. रेगुलेशंस का इंतजार सभी विश्विद्यालय कर रही है. इसमें मल्टीपल एंट्री एग्जिट का विकल्प भी होने से फायदा मिलेगा. यह पाठ्यक्रम में 3 चरण होंगे- फाउंडेशन, डिप्लोमा और डिग्री कार्यक्रम प्रो कुमार ने कहा कि जिन स्टूडेंट्स ने 3 साल का ग्रेजुएशन किया है, उनके लिए पीजी 2 साल का ही रहेगा. लेकिन, मास्टर डिग्री का दूसरा साल रिसर्च के लिए ही अनिवार्य होगा.

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