अब सिर्फ 2 ही बच्चे हैंअच्छे – जनसँख्या नियंत्रण कानून ही दूर कर सकता है गरीबी और अशिक्षा

डेस्क : भारत की जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है, भारतवासी विश्व में दुसरे स्थान पर है और प्रतिवर्ष 2% से जनसँख्या बढ़ा रहें हैं। सरकार के मुताबिक़ यदि इस तरह ही चलता रहा तो आने वाले समय में नौकरी में कमी और बच्चों में शिक्षा का घटा हुआ स्तर देखने को मिलेगा। सरकार ने अब जनसंख्या को रोकने के लिए नई निति निकाली है जिसके तहत हर दंपति 2 बच्चे ही पैदा करेंगे यदि 2 से ज्यादा बच्चे हुए तो उनको सरकारी मदद नहीं मिलेगी। असम में इस वक्त बीजेपी की सरकार है। असम के मुख्य मंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा का कहना है की जितने भी मुस्लिम परिवार है उनकी गरीबी दूर करने के लिए यह फॉर्मूला ही कारगर है।

इस प्रस्ताव का किसी भी मुस्लिम परिवार ने विरोध नहीं किया है। ऑल असम माइनॉरिटी स्‍टूडेंट्स यूनियन ने उनसे मुलाकात की और कहा की यह माइनॉरिटी को लेकर एक बढ़िया कदम है। मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा का कहना है की असम में मुसलमानो को परिवार नियंत्रण उपाय अपनाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने बताया की मैंने कई बुद्धिजीवीयों से बात की है, और सब लोगों ने इस बात का समर्थन किया है। अशिक्षा और गरीबी को मिटाने के लिए यह एक बेहतर प्रयास है, जिसमें सबको साथ देना चाहिए। अब 4 जुलाई को एक और बैठक होनी है जिसमें मुस्लिम संगठन से 150 लोग शामिल होंगे। यह बैठक सामाजिक और आर्थिक मुद्दों पर वार्ता करेगी।

2 बच्चों की निति पहले से कई राज्यों में चल रही है जिसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान शामिल है। ऐसे में अब असम भी इसके तहत गिना जाएगा और उम्मीद लगाई जा रही है की जल्द से जल्द सभी राज्यों की स्थिति सुधर सके। जनसंख्या नियंत्रण विधेयक, 2019 में राकेश सिन्हा द्वारा राज्यसभा में पेश किया गया था, यह एक प्रस्तावित विधेयक है। विधेयक का उद्देश्य भारत की जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना है। संयुक्त राष्ट्र की वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जनसंख्या एक दशक के भीतर चीन से आगे निकल सकती है। प्रस्तावित विधेयक पर 125 संसद सदस्यों (सांसद) द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।

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