डेस्क : बिहार में अब जमीन के मामले से काम सुधारने के लिए जमीनी कार्य ऑनलाइन किया जा रहा है। इस जमीनी कार्य को ऑनलाइन करने लिए हर कर्मचारी तक सरकार अपना फरमान पहुंचा रही है। बता दें की अब जमीन नक़्शे का कार्य ऑनलाइन हो जाएंगे और बिहार में जमीन के नक्शे का भी दाखिल खारिज किये जाएंगे । यह कार्य टेक्सचुअल म्यूटेशन के साथ-साथ स्पेशल म्यूटेशन भी समय पर खत्म करने के लिए किया जा रहा है।
आपको इस से जुड़े कोई भी सवाल जवाब है तो 1 मार्च को इसके लिए वर्कशॉप भी करवाई जा रही है। वर्कशॉप में निचले स्तर से लेकर ऊपर के स्तर तक सारी बातें समझ सकते हैं। स्पेशल म्यूटेशन का कार्य बिहार के अलावा तीन और राज्यों में किया जा रहा है। यह 3 राज्यों से अधिकारियों को बुलाया जा रहा है, जो इस कार्य को करने में पथ प्रदर्शक के रूप में साबित हो सकते हैं। इनमें सबसे पहले गुजरात, उड़ीसा और तेलंगाना शामिल है। इन तीनों राज्यों के अधिकारी बिहार आकर भूमि सुधार विभाग के अधिकारियों को नई तकनीक सिखाएंगे और बताएंगे कि किस तरह से जमीन का कार्य करना है।
जमीन से जुड़े सभी कार्यों को लेकर भूमि सुधार विभाग के मुख्य सचिव विवेक कुमार का कहना है कि जैसे ही यह काम इंटरनेट के द्वारा होने लगेगा तो इसमें पारदर्शिता आएगी और पुराने अटके काम भी जल्दी पूरे हो जाएंगे। साथ ही पुराने रिकॉर्ड को जब मर्जी हम देखकर यह जान सकते हैं कि किस सन्दर्भ में किस प्रकार की जानकारी निहित है। जो जमीन की खरीद और बिक्री के लिए लोग धांधली करते थे वह अब दूर हो जाएंगे। जमीन से जुड़े सभी दस्तावेज को संभाल कर रखने के लिए इंटरनेट एक बेहतरीन माध्यम है। जमीन के मामले में सबसे ज्यादा धोखाधड़ी होती थी लेकिन इस व्यवस्था से लेन-देन की धोखाधड़ी पर रोक लग जाएगी।