Bihar का सबसे बड़ा कलस्टर बनेगा पूर्णिया, अब किसानों की आय में होगी वृद्धि..

डेस्क : दिन प्रतिदिन मखाना की मांग बढ़ रही है। मखाना की खेती अब किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। पूर्णिया में मखाना की खेती का आंकड़ा एक लाख हेक्टेयर पार कर गया है। इसी को देखते हुए मखाना के उन्नत किस्म के बीज की मांग भी बढ़ गयी है। किसानों को भारी मात्रा में मखाना के सबौर वन उन्नत किस्म की बीज तैयार करने को कहा गया है वो भी श्रीनगर प्रखंड के खोखा खुट्टी बनैली एवं चनका बोना धार में, जहां बिहार का सबसे बड़ा मखाना बीज कलस्टर बनाने की तैयारी प्रारंभ कर दी है।

कलस्टर में दिसंबर से मखाना बीज का उत्पादन शुरू हो जाएगा। इस कलस्टर का निर्माण 300 हेक्टेयर यानी लगभग साढे सात सौ एकड़ में होगा। इसके पहले मखाना के बीज उत्पादन का कलस्टर पूर्णिया के अलावा सहरसा सुपौल, मधुबनी एवं दरभंगा में था किन्तु वह मात्र 50 एकड़ का था। पूर्णिया में बनने वाले इस सबसे बड़े कलस्टर में 900 किसान शामिल होंगे तथा यहां प्रत्येक वर्ष औसतन 6000 क्विंटल मखाना के उन्नत किस्म का बीज तैयार होगा। एक हेक्टेयर में औसतन 20 क्विंटल मखाना का बीज तैयार होता है। पूर्णिया के श्रीनगर में बनने वाला सूबे का सबसे बड़ा मखाना बीज उत्पादन का कलस्टर मछली उत्पादन का भी हब बनेगा।

मखाना बीज उत्पादन के बाद के समय में मछली और वत्तख पालन होगा। इससे किसानों के आय में वृद्धि होगी। वर्षा के पानी को भी संचित किया जाएगा। मखाना की खेती कोसी सीमांचल के जिलों के अलावा मिथिलांचल के जिलों में भी बड़ी मात्रा में की जाती है। ऐसे में मखाना के उन्नत किस्म सबौर वन के बीज की मांग काफी ज्यादा है। मखाना के उन्नत किस्म के बीज की मांग विदेशों में भी है।

Leave a Comment