बिहार में खुले स्कूल लेकिन, अभिभवकों को सता रहा है कोरोना का डर- मात्र 9% रही बच्चों की मौजूदगी

डेस्क : कोरोना की वैक्सीन को भारत में सफलता पूर्वक बना लिया गया है और यह कार्य भारत बायो टेक ने किया है इसके बाद एक और संस्थान जिसका नाम सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया है उसने भी कोविशील्ड नाम की वैक्सीन को अप्रूवल दे दिया है। इन दो बड़ी सफलताओं को देखते हुए सरकार ने राज्य के स्कूल को खोलने की मंजूरी दे दी है। राज्य के स्कूल भी खुल गए हैं। इस मंजूरी के बाद से स्कूलों में जिस तरह से बच्चों की भीड़ होती थी उस तरह की भीड़ देखने को नहीं मिल रही है। बच्चों के माता पिता में अभी भी कोरोना वायरस को लेकर डर बना हुआ है।

अभिभावकों का कहना है की उनके बच्चों की जिंदगी बेहद ही ज्यादा ज़रूरी है। वह किसी भी प्रकार से ढिलाई नहीं बरतना चाहते है। इस वजह से अब बिहार राज्य के 38 डिस्ट्रिक्ट में स्कूल तो खुल गए हैं लेकिन मात्र 9 प्रतिशत ही बच्चे पढ़ने के लिए जाते नजर आ रहे हैं। बच्चों में किसिस भी प्रकार का उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है। साथ ही ऐसा लग रहा है की पढ़ाई को लेकर नहीं बल्कि कोरोना को लेकर बच्चे चिंतित है। आपको बता दें की सुरक्षा पैमानों को ध्यान में रखते हुए सिर्फ 9 वी कक्षा के ऊपर के ही बच्चों को स्कूल आने की अनुमति प्राप्त है।

शिक्षा प्रबंधक अमित कुमार का कहना है की राज्य के सिर्फ एक स्कूल जो मुजफरपुर से है को छोड़कर सभी स्कूल कोरोना प्रोटोकॉल्स का पालन कर रहे हैं। उनकी रिपोर्ट्स के मुताबिक़ 38 जिलों के 166 स्कूलों में कुल 2044 शिक्षक पढ़ाने आ रहे हैं। जो शिक्षक समय पर स्कूल नहीं जा रहे या बेवजह अवकाश पर हैं उनके ऊपर सख्त कार्यवाही की जाएगी।

उन्नयन बिहार योजना के मुताबिक़ बिहार में स्मार्ट क्लास भी बेहद ही अच्छे तरीके से काम कर रही हैं। बिहार में इस वक्त 166 स्कूलों में से 147 स्कूलों में स्मार्ट क्लास चल रही है। जिन स्कूलों में यह स्मार्ट क्लास की सुविधा नहीं है वह इस प्रकार हैं नालंदा, शिवहर, गया, पटना, जहानाबाद, किशनगंज, सीवान, सीतामढ़ी, कटिहार एवं बेगूसराय में एक-एक, मुजफ्फरपुर के 3, मधुबनी के 2 और शेखपुरा के 4 स्कूल।

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