बिहार में कोरोना के बिगड़ते हालातों को देख अब पटना AIIMS ने की सम्पूर्ण लॉकडाउन की मांग

डेस्क : इस वक्त कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में कोरोना के मरीजों के बढ़ती संख्या, डॉक्टरों और सरकारों के बीच चिंता का विषय बनी हुई है, बता दें कि अगर ऐसे ही हालात चलते रहे तो बिहार में दोबारा लॉकडाउन लगाने की नौबत आ सकती है। बिहार में रोजाना 2000 से 3000 कोरोना के मरीज निकल कर आ रहे हैं, जिसके चलते पटना एम्स के डॉक्टरों ने चिंता व्यक्त की है और कहा है कि जल्द से जल्द सरकार सम्पूर्ण लोकडाउन लगाने का प्रयास करे। ऐसा नहीं किया तो हालात बेकाबू हो सकते हैं।

पटना एम्स के वरिष्ठ डॉक्टरों का कहना है कि अभी तो पीक भी नहीं आई है, तब भी इतने ज्यादा हालात बिगड़ रहे हैं। ऐसे में जब 15 मई आएगी तब क्या होगा? जल्द से जल्द कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार को बड़े प्रयास की जरूरत है। अब लॉकडाउन ही एक विकल्प हो सकता है जहाँ पर सरकार को पूर्णता लॉकडाउन के लिए सोचना चाहिए। ऐसे में मात्र जरूरत की दुकानों को छोड़कर सभी चीजें बंद हो जानी चाहिए। बिहार में मरीजों की संख्या एक के बाद एक बढ़ रही है। अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन की कमी हो चुकी है जो लोग अस्पताल की ओर रुख कर रहे हैं उनको बिना इलाज कराए ही वापस जाना पड़ रहा है।

कुछ समय पहले इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बिहार के दिन प्रतिदिन बढ़ते आंकड़ों को देखकर मुआयना किया था और बिहार सरकार को चेताया था कि बिहार में लॉकडाउन लगाने की स्थिति बन सकती है। दिन प्रतिदिन कोरोना के ग्राफ को बढ़ता देखकर हर एक की चिंता बढ़ी हुई है। ऐसा आईएमए के प्रेसिडेंट डॉक्टर सहजानंद सिंह ने कहा था। जब अप्रैल का महीना शुरू हुआ था तब से ही बिहार में प्रतिबंध लगने शुरू हो गए थे। ऐसे में प्रतिबंध की शुरुआत स्कूल और कॉलेज शिक्षण संस्थान बंद होने से हुई थी। शुरुआती दौर में सभी प्रतिष्ठित दुकानों को शाम 7:00 बजे तक खुलने का ही आदेश दिया गया था। लेकिन जैसे जैसे दिन बीतते चले गए हालात बद से बदतर होते चले गए। ऐसे में अब लॉकडाउन लगाने की नौबत दोबारा से आ गई है। अगर बिहार सरकार लॉकडाउन लगाने में देरी करती है, तो इसका बुरा अंजाम बिहार की जनता को झेलना पड़ सकता है।

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