भारत मे राष्ट्रपति पद से संबंधित जाने कुछ ख़ास बातें

राष्ट्रपति पद के लिए रामनाथ कोविंद के बाद देश के 15 वें राष्ट्रपति कौन बनेंगे यह आज तय हो जाएगा ।इस पद की गरिमा को एनडीए के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू या कांग्रेस के यशवंत सिन्हा में से कौन बढ़ाएंगे। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग तय ही है। शाम तक के पूर्णता सामने आ जाएगा कि देश को मिलने वाले 15 वें राष्ट्रपति कौन है।

अगर द्रौपदी मुर्मू देश की सर्वोच्च पद राष्ट्रपति पर काबिज होती है तो वह देश की पहली आदिवासी तथा दूसरी महिला होंगी जो राष्ट्रपति बनेंगी। इनसे पहले श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल ने राष्ट्रपति बनकर भारत की गरिमा को बढ़ाया थाराष्ट्रपति पद की मतगणना होने के बाद 25 जुलाई को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण करवाया जाएगा। वहीं कुछ बातें शपथ ग्रहण के अलावे भी होती है जिनके जानकारी प्रत्येक भारतीय को होना जरूरी रहती है। जैसे कि राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण को कौन करवाते हैं। राष्ट्रपति अपना इस्तीफा किसे सौंपते हैं। अगर राष्ट्रपति की असमय मृत्यु हो जाए या फिर किसी स्थिति में वह अपने कार्य भार को ना संभाल सके तो उनके पद का कार्यभार कौन संभाल सकता है।

25 जुलाई को ही क्यों होता है हमेसा राष्ट्रपति का शपथग्रहण राष्ट्रपति पद के लिए हमेशा से ही शपथ ग्रहण 25 जुलाई को होता आया है। लेकिन इस बात को लेकर संविधान में कोई भी प्रावधान नहीं है। वर्ष 1977 में नीलम संजीव रेड्डी निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए थे और उन्होंने 25 जुलाई 1977 को ही राष्ट्रपति पद की शपथ ग्रहण ली थी। इसके बाद से यह परंपरा बनी के राष्ट्रपति पद का शपथ ग्रहण सिर्फ 25 जुलाई को ही करवाया जाएगा। राष्ट्रपति को शपथ ग्रहण देश के चीफ जस्टिस करवाते हैं। उनके ना मौजूदगी में सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर जज राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण करवाते हैं। संविधान के आर्टिकल 60 में राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण से संबंधित सभी तथ्यों का स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है।

राष्ट्रपति को किस तरह उनके पद से हटाया जा सकता है राष्ट्रपति भारत में सर्वोच्च संवैधानिक पद है, लेकिन पद से हटाने को लेकर संविधान में प्रावधान भी है जिसे महाभियोग कहा जाता है। महाभियोग के में दोनों सदनों में प्रस्ताव लाया जाता है । जिसमें कुल सदस्य में से कम से कम दो तिहाई बहुमत प्राप्त होने पर महाभियोग से राष्ट्रपति को उनके पद से हटाया जा सकता है। महाभियोग लाने की सूचना राष्ट्रपति को 14 दिन पहले देनी होती है। राष्ट्रपति पर महाभियोग का प्रस्ताव संसद के लोकसभा या राज्यसभा किसी में भी लाया जा सकता है।

राष्ट्रपति की असमय मृत्यु की स्थिति में कौन और किस तरह संभालते है इस पद को राष्ट्रपति अगर इस्तीफा देना चाहे तो उपराष्ट्रपति को दे सकता है। इसके बाद दूसरे राष्ट्रपति के चयन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है।यह पद छः महीने से ज्यादा वक्त के लिए खाली नहीं रह सकता है। वहीं अगर पद पर रहते राष्ट्रपति की मृत्यु किसी कारणवश हो जाए या किसी अन्य गंभीर बीमारी की वजह से पद खाली हो जाए तो ऐसी स्थिति में भी उपराष्ट्रपति कार्यभार संभालते हैं। हालांकि उपराष्ट्रपति को भी राष्ट्रपति के पद का कार्यभार संभालने से पहले इस पद के लिए शपथ लेनी पड़ती है और कुछ वक्त बाद ही नए राष्ट्रपति के निर्वाचन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाती है।

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