बिहार के सरकारी विद्यालयों में खेलकूद होगा अनिवार्य – बनाई गई नई नीति…

डेस्क : बिहार के सरकारी विद्यालयों में खेलकूद को अनिवार्य हिस्सा बनाने के लिए एक नई नीति बनाई गई है। बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए यह बेहद जरूरी भी है। सरकार की यह एक अच्छी पहल है, लेकिन इसे लागू करने से पहले इसमें विशेषज्ञों की राय भी ली जानी चाहिए। सबसे अहम यह कि इसे सही तरीके से लागू करने के लिए जिम्मेदारी भी तय की जानी चाहिए। कोई भी नीति तभी सफल होती है, जब उसे लागू करने वालों की नीयत भी सही हो।

प्रदेश में खेलों के विकास के लिए प्रखंड व पंचायत स्तर पर स्टेडियम बनाए गए थे, लेकिन रख-रखाव के अभाव में अधिकतर जगहों पर इनकी स्थिति अब दयनीय हो गई। इसलिए किसी भी अधारभूत ढांचे को विकसित करने से पहले उसकी देखदेख की जिम्मेदारी पहले तय हो। पहले विद्यालयों में खेलों के लिए 8वीं घंटी हुआ करती थी। खेल सामग्री की आपूर्ति भी की जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे यह सब खत्म हो गया। अब फिर से सरकार इसके लिए तत्पर हुयी है।

शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए एक कार्ययोजना भी बनाई है। इसमें कबड्डी, फुटबाल, बैडमिंटन और हाकी समेत अन्य पारंपरिक खेलों को भी शामिल किया गया है। निश्चित रूप से सरकार की यह एक सराहनीय पहल है, लेकिन इसके साथ ही राज्य में खेलों के विकास के लिए भी नई नीति बनाने की जरूरत महसूस की जा ही रही है। यह नीति ऐसी बने जिससे राज्य में खेल की आधारभूत संरचना का विकास भी हो। खेल संघों के लिए कानून भी बने।

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