नालंदा यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे 31 देशों के स्टूडेंट, ऐसे पूरा हुआ 17 देशों का साझा सपना..

डेस्क : सदियों वर्ष पहले जिसे बख्तियार खिलजी ने आग के हवाले कर ध्वस्त कर दिया था, आज वह विश्वविद्यालय अपने आप में अनूठा संगम बनता जा रहा है। जी हां.. हम बात कर रहे हैं नालंदा यूनिवर्सिटी की., जहां कई महीनों तक किताबें जलती रही, जहां विदेशी छात्र पढ़ने के लिए आया करते थे? आज वह सपना फिर से पूरा होता दिख रहा है।

आपको बता दें कि नालंदा University देश को फिर विश्व गुरु का गौरव लौटाने की राह पर है। करीब455 एकड़ लंबे-चौड़े परिसर में विवि की नई इमारतें 90 प्रतिशत बनकर तैयार हो गया। यहां 31 देशों के करीब 1 हजार छात्र नामांकित हैं। दो से ढाई सौ छात्र नियमित कक्षाएं कर रहे हैं। कुल 20 कोर्स चल रहे हैं। मालूम हो की प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में देश-विदेश के 10 हजार विद्यार्थी अध्ययनरत थे। एक से बढ़कर एक विद्वान शिक्षक थे। पुस्तकालय समृद्ध था। महाविहार परिसर में कड़ा अनुशासन था।

आसपास तालाबों और पेड़-पौधों की शृंखला थी। वातावरण अध्ययन व शोध के अनुकूल शांत व सुरम्य था। निर्धारित समय पर अध्ययन व शोध कार्य पूरे किए जाते थे। यूनिवर्सिटी के कुलपति सुनैना सिंह ने कहा कि यहां मिशन मोड पर काम चल रहा है। नालंदा विश्वविद्यालय में चार साल में बहुत कुछ हुआ। अभी कई चीजें बाकी हैं। अभी सारे छात्र विवि द्वारा किराये पर लिए गए होटलों में रह रहे हैं। अगले वर्ष तक हास्टल बन जाएगा, सारे स्टूडेंट कैंपस में रहने लगेंगे। लैब व लाइब्रेरी भी तैयार हो जाएंगे। 2023 में कई नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। परिसर में एक अलग शहर ही बस जाएगा। किसी को परिसर से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

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