Bihar के इस सरकारी स्कूल में एक जैसे यूनिफॉर्म में पढ़ाने आते हैं टीचर, ड्रेस कोड लागू करने के पीछे खास है वजह..

डेस्क : शिक्षकों के ड्रेस कोड का नजारा अभी तक आपने प्राइवेट स्कूलों में ही देखा होगा लेकिन अब बिहार के सरकारी स्कूल में भी यह आपको देखने को मिलेगा। बिहार के गया जिले में बांके बिहार इलाके को अतिनक्सलग्रस्त इलाका माना जाता है। यहां के उत्क्रमित उच्च विद्यालय मोनेया और मध्य विद्यालय नवाडीह की क्षेत्र में काफ़ी चर्चा हो रही है। इसका कारण है कि यहां स्कूल के बच्चों के अलावा शिक्षकों का भी ड्रेस कोड है। जिसे लागू करने के पीछे एक बड़ी वजह भी है। आईए जानते हैं –

पहले से ही स्कूल में कक्षा एक से लेकर दस तक के बच्चे स्कूल ड्रेस में आते ही थी लेकिन फिर एक दिन यह निर्णय लिया गया कि अब शिक्षक भी ड्रेस कोड में आएंगे। ऐसा करने के पीछे का कारण सामने आया कि इससे शिक्षकों और विद्यार्थियों के बीच समानता का भाव विकसित होगा। इसे ही ध्यान में रखते हुए शिक्षको के लिए भी ड्रेस एलाऊ किया गया है।

स्कूल के प्रधानाध्यापक नागेश्वर दास ने बताया कि बच्चों के लिए तो पोशाक योजना के तहत पोशाक की राशि आती है। जिससे वह स्कूल रेस में पढ़ने आते हैं। वहीं शिक्षकों ने अपने निजी फंड से ड्रेस बनवाया है। इससे छात्र और शिक्षकों के बीच समानता का भाव पैदा होगा। इस विद्यालय में कुल 838 बच्चों का नामांकन है जो रोजाना स्कूल ड्रेस में पढ़ने आते हैं।

उन्होंने बताया कि छात्रों के ड्रेस कलर को देखते हुए शिक्षकों के लिए भी अलग ड्रेस कलर को बनाया गया है। विद्यालय में कुल 13 शिक्षक और शिक्षिका आए हैं जो अब ड्रेस में आते हैं। इसके अलावा पांच रसोइया, शिक्षा सेवक, रात्रि प्रहरी आदि जितने भी स्टाफ है उन्हें ड्रेस कोड दिया गया है। सभी अपने ड्रेस में ही स्कूल आते हैं। शिक्षकों के लिए पिंक शर्ट और नेवी ब्लू पैंट है। रसोईया के लिए हरी सारी और रात्रि प्रहरी के लिए ब्लू शर्ट और खाकी पेंट उपलब्ध कराया गया है। सरकारी ड्रेस कोड का अनुपालन करने वाला जिले का यह पहला स्कूल है जहां बच्चों के साथ शिक्षक भी ड्रेस में आते हैं।

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