बिहार विधान परिषद में तेजस्वी यादव को बताया 9वीं फेल, RJD के नेता बोले पढ़ लिखकर सिर्फ प्रोफेसर बनते हैं- नेता नहीं

डेस्क : अगर राज्य में कोई भी सत्ताधारी पार्टी राज कर रही होती है तो उसके पीछे उसके कान खींचने के लिए विरोधी पार्टियों का होना बेहद ही जरूरी होता है क्योंकि कभी-कभी पार्टियां राज करते हुए ऐसे काम भी करने लगती हैं जो सही नहीं होते और उससे आम जनता को परेशानी होती है। ऐसे में इन समस्याओं को उजागर करने के लिए विरोधी पार्टियों का होना अति आवश्यक है।

बता दें कि राज्य में 2-स्तर पर चर्चाएं होती है एक विधान परिषद जो संसद द्वारा तय किया जाता है और एक विधानसभा जो जनता द्वारा तय की जाती है। इस वक्त विधान परिषद में सभा चल रही है। जिसमें बिहार में रह रहे लोगों के लिए योजनाओं का जिक्र किया जा रहा है। विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर यह आरोप लगाया है कि वह राज्य में रह रहे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के लिए कुछ खास नहीं कर रही है। लेकिन, जेडीयू में मौजूद अल्पसंख्यक की योजना का समर्थन करते हुए मंत्री तनवीर अख्तर ने कहा कि वह लोग कैसे कह सकते हैं जो खुद 9वीं फेल है। इस पर राजद पार्टी के नेता सुबोध कुमार नाराज हो गए और बोले कि आखिर उन लोगों की बात क्यों की जा रही है जो सदन में मौजूद नहीं है बल्कि यह तो बजट की चर्चा है। इसमें मंत्रियों की टांग खींचने का कोई मतलब नहीं बनता।

इसके बाद राजद नेता रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि पढ़ लिखकर तो सिर्फ प्रोफ़ेसर बना जाता है नेता बनने के लिए तो जनता का समर्थन चाहिए और जनता के बीच लोकप्रियता होना अनिवार्य है। लोगों के बीच उतरना संघर्ष करना और लगातार उनके लिए सोचना ही एक अच्छे नेता की निशानी होती है। बता दें कि राज्य में अल्पसंख्यकों की शिक्षा व्यवस्था काफी जर्जर है। इसमें उर्दू एक ऐसी भाषा बताई जा रही है जिसको वैकल्पिक तौर पर रख दिया गया है। लेकिन ध्यान दें तो उर्दू दूसरी सरकारी भाषा है। ऐसे में कई विश्वविद्यालयों में उर्दू के प्रोफेसर की जगह खाली है। बजट में अल्पसंख्यक मंत्री जमा खान ने कहा कि 562 करोड़ का खर्चे इस बार सरकार जनता के कल्याण में लगाने वाली है।

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