तेजस्वी का जातिवाद, बोले- लालू राज में ‘बाबू साहब’ के सामने गरीब चलता था सीना तान के…

डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के पहले चरण के चुनाव प्रचार का आज अंतिम दिन था। ऐसे में सभी दालों ने अपनी पुर-जोर ताकत लगा दी है। महागठबंधन से मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव के एक बयान पर राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। तेजस्वी ने इशारों-इशारों में जातिवाद का कार्ड खेल दिया है। एक चुनावी सभा के दौरान उन्होंने कहा कि जब लालू यादव का राज था तो गरीब सीना तान के बाबू साहब के सामने चलते थे।

हालाँकि इससे साफ जाहिर हो रहा था की उनका इशारा राजपूतों की तरफ था, पर उन्होंने किसी जाति का नाम नहीं लिया। उन्होंने आगे ये भी कहा कि हमारी सरकार आएगी तो हम सब लोगों को साथ लेकर चलेंगे। जो अपराध करेगा उसे सजा मिलेगी, जो कर्मचारी काम करेंगे उन्हें सम्मान मिलेगा।

इसलिए हिसाब किताब न कर वे सीधे जनता से सिर्फ एक मौका मांगने आये है। अगर मौका मिला तो सबसे पहली कैबिनेट की बैठक में युवाओं के लिए दस लाख सरकारी नौकरी देंगे। इतना ही नही परीक्षा भर्ती फॉर्म, व ट्रेन बसों के किराए तक विद्यार्थियों को नही लगने देंगे। मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका पहला कलम युवाओं के भविष्य के लिए ही चलेगा। झूठा वादा न किया है व न ही करेंगे। अजित शर्मा को उन्हीने आगामी चुनाव में अग्रिम जीत की बधाई दी व जनता से पूछकर जीत का माला उन्हें पहनाया। फिर सीधे दौड़कर मंच से उतरे व सामाजिक दूरी का पालन करते हुए हेलीकॉप्टर तक गए। कोरोना को देखते हुए माल्यार्पण व सेल्फी लेने से लोगों को मना किया।

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