गर्व! गांव में पहली बार 12th पास करने वाली आदिवासी छात्रा ने पास की NEET परीक्षा..

न्यूज डेस्क: आज के समय में पढ़ाई लिखाई सभी जात पात और धर्म से उठकर अपनाया जा रहा है। अब वो दिन नहीं रहा जब बड़े जाति के लोग ही कुछ बड़ा करेंगे। अब वह दिन आ गया है कि आदिवासी समाज जिसे लोग काफी पिछड़ा समझते हैं। उस समाज की बेटी आज पूरे देश में अपनी कामयाबी की डंका बजा रही है। जी हां कोयंबटूर की शांगवी ने अपनी दूसरी प्रयास के साथ नीट परीक्षा पास की है। शांगवी की कहानी इसलिए भी खास है क्योंकि वह अपने पूरे गांव में 12वीं पास करने वाली पहली बच्चीं है।

शांगवी नीट के परीक्षा में 202 नंबर के साथ पास हुई। शांगवी एक ऐसे परिवार से आती है, एक ऐसे गांव से आती है जहां पढ़ाई लिखाई का वातावरण ना के बराबर है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि शांगवी अपने गांव की पहली 12th पास लड़की है। शांगवी को आसा है कि उसे कोई बेहतर सरकारी कॉलेज मिले, जिससे गांव का नाम रोशन कर सकें।

शांगवी के पिता गुजर चुके हैं। उन्हें उनके जाने के बाद इस बात का गहरा एहसास हुआ कि गांव में अच्छे चिकित्सक और अस्पताल की कितनी जरूरत है। इसके बाद शांगवी एनजीओ और सेल्फ स्टडी कर इस मुकाम को पाया। आज शांगवी अपने गांव और आस-पड़ोस में एक मिसाल के तौर पर देखी जा रही है। गांव ही नहीं पूरे देश के आदिवासी समाज के लिए भी एक प्रेरणा है।

बता दें कि अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए नीट परीक्षा में कट ऑफ 108 से 137 तक है। ऐसे में शांगवी को एक बेहतर कॉलेज मिल सकता है। शांगवी 2021 नीट एग्जाम को क्रैक की थी। उसके बाद उसे जाति प्रमाण पत्र बनाने में थोड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन कलेक्टर की मदद से वे परेशानियों को पार कर ली। अब शांगवी के रूप में आदिवासी समाज को एक डॉक्टर मिलने जा रहा है। कोयंबटूर के अलावा कई अन्य राज्यों में आदिवासी समाज रहते हैं इन राज्यों में साउथ के राज्यों के साथ-साथ झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्य शामिल है।

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