नसबंदी करने के बाद भी गर्भवती हुई महिला, अब मांग रही है 11 लाख का हर्जाना – जाने पूरा मामला

डेस्क : ग्राहक उपभोक्ता केंद्र एक ऐसी जगह है जहां पर अनेकों ग्राहक जाकर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। अगर उसे बाजार के किसी भी विषय पर शिकायत दर्ज करनी है या सेवाओं पर आवाज उठानी है तो वे उपभोक्ता केंद्र जाकर उनके खिलाफ रपट दर्ज करवा सकतें हैं। कुछ ऐसी ही रपट दर्ज करवाई है बिहार की महिला ने जिसने मोतीपुर पीएचएससी में नसबंदी करवाई थी। लेकिन, नसबंदी कराने के बावजूद भी वह महिला गर्भवती हो गई। अब उसने 11 लाख का मुआवजा मांगा है और डॉक्टरों के खिलाफ आवाज उठाई है। ऐसे में विभाग के स्वास्थ्य प्रधान सचिव पर भी केस दर्ज करवाया गया है।

महिला का नाम फूल कुमारी है और उसने 27 जुलाई 2019 को परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत नसबंदी करवाई थी। ऐसे में जो भी दिशा निर्देश और आदेश दिए गए थे उसने सभी चीजों का पालन किया था। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जैसा उसने सोचा था बता दें कि महिला के 4 बच्चे पहले से हैं। अब वह फिर से गर्भवती हो गई है लेकिन परिवार में खाने पीने के लिए जो खर्चा होता है वह परिवार नहीं उठा सकता क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी अच्छी नहीं है। ऐसे में महिला ने परिवार नियोजन कार्यक्रम में हिस्सा लिया था जिसमें उसने नसबंदी करवाई थी पर वह असफल रही।

यह मामला महिला ने प्रधान सचिव एवं तीन अन्य लोगों पर दर्ज करवाया है और वकील का कहना है कि महिला के पास इतने पैसे नहीं है कि वह अपने चार बच्चों का भरण पोषण कर सके। जब परिवार में लोगों को यह पता चला कि वह फिर से गर्भवती हो गई है तो सब हक्के बक्के रह गए। उन्होंने यह सुझाव दिया कि जो भी लोग स्वास्थ्य केंद्र मामलों से जुड़े हैं उनके खिलाफ वह आवाज उठाएंगे जिसके चलते उन्होंने उपभोक्ता केंद्र में शिकायत दर्ज कराई है। मामले की सुनवाई 16 मार्च को होनी है। डॉक्टरों और स्वास्थ्य निगम के अधिकारियों का कहना है कि कुछ लोगों के ऊपर जब ऑपरेशन किया जाता है तो यह सफल नहीं होता है और हो सकता है महिला भी इसकी शिकार हो लेकिन फॉर्म भरते वक्त ₹30,000 देने होते हैं जो महिला को अवश्य मिलेंगे। वही दूसरी और महिला की डिमांड है कि उसको ₹11,00,000 मिलना चाहिए।

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