बिहारी को कमजोर नहीं समझने का! पुलिस ने पिता को मारा था थप्पड़, बेटे ने जज बनकर लिया बदला..

डेस्क : जब भी बिहारी का दिल टूटता है तो वो UPSC क्वालिफाई कर जाता है। और फिर अगर कोई बात दिमाग में बैठ जाए तो… ‘जब तक तोड़ेगा नहीं, तब तक छोड़ेगा नहीं’ कहकर आगे भी बढ़ने लगता है। रियल से रील लाइफ (फिल्मों) में ऐसी तमाम कहानियों बड़े बेहतरीन ढंग से दिखाया गया हैं। अब एक और दिलचस्प कहानी बिहार से ही सामने आई है, जो पूरी तरह सच है। पिता की बेइज्जती पर बेटे ने जज बनकर एक करारा जवाब दिया है। आखिर बेटे की जिद थी कि जिस खाकी ने पिता के गालों पर थप्पड़ जड़ा था, एक दिन वो उसी से सलाम भी करवाएगा।

बिहार के सहरसा जिले के नवहट्टा प्रखंड के सत्तोर पंचायत के बरुवाही वार्ड नं 12 के रहने वाले कमलेश कुमार उर्फ कमल यादव ने न्यायिक सेवा परीक्षा में 64 वीं रैंक लाकर न्यायाधीश बनने में सफलता पाई है। कमलेश यादव दिल्ली में रहकर ला (कानून) की पढ़ाई कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने BPSC की 31वीं न्यायिक सेवा में 64 वीं रैंक लाकर जज बनने में सफलता पायी है। उनकी कामयाबी के पीछे उनके पिता का असीम योगदान है, जो दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ी में रहकर अपने बेटे को पढ़ाते रहे। पिता छोले-भटूरे की दुकान चलाकर बेटे की पढ़ाई का पूरा खर्च उठाते थे।

पिता की बेज्जती का दिया करारा जवाब

जज बने कमलेश यादव के पिता चंद्रशेखर यादव दिल्ली में जहां दुकान लगाते थे, तभी वहां एक पुलिस वाले ने किसी विवाद पर उनके पिता जी को थप्पड़ जड़ दिया। पिता की इस बेइज्जती पर कमलेश यादव ने उनसे सवाल कर दिया कि इनको कैसे सबक सिखाया जाए। पिता ने बताया कि बेटा एक जज ही का पद है, जिसको पुलिस वाले सलाम ठोंकते हैं। फिर क्या था पिता का जवाब सुन बेटे ने जज बनने की ठान ली और कड़ी मेहनत करता ही गया। कमल यादव ने जज बनकर जवाब दे दिया है। जिससे एक एक बात तो तय हो गई कि कमलेश यादव ने तकदीर का फैसला पहले ही कर दिया था कि अब उसे जज ही बनना है।

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