जानिये देशभर में काली हल्दी का क्यों है डिमांड , उपजाने वाले पा रहे मुंह मांगा दाम

न्यूज डेस्क : आपलोग हल्दी के बारे में क्या सोचते हैं , यही की हल्दी पीला होता है। इसे खाया जाता है , इसका बहुत उपयोग है। इसका दवाई में भी उपयोग भी होता है। आज हम आपको हल्दी के एक और वेराइटी के बारे में बताएंगे ।पीला हल्दी के अलावे काला हल्दी के बारे में बताएंगे । काले हल्दी की कीमत सुनकर ही आपलोग दंग हो जाएंगे । काली हल्दी कि कीमत हल्दी से दस गुना से भी अधिक होता है।

हल्दी की नाम है काली हल्दी इस हल्दी के अंदर हल्का ब्लू कलर का रेशा होता है। बहुत सारी कंपनियां इस हल्दी का उपयोग एलर्जी की दवाई व केंसर का दवाई बनाने में करती है। इसका खुशबू बहुत सुंदर होता है, इसका ब्यूटी प्रोडक्ट्स भी बनाये जाते हैं। भारत में अभी इसके बहुत ही डिमांड है। इसके रेट का कोई फिक्सेशन नहीं हुआ है। चूंकि अभी इस काली हल्दी के बारे के कम लोग जान रहे हैं। अब जब लोग कम जान रहे हैं तो उपज भी कम है इसके जो जहां जिस रेट में बेच रहा है। वही इसका रेट है। यह 2000 रुपये के आसपास किलो बिक रहा है।

किसान लगाने से कतराते हैं 1 एकड़ में काली हल्दी को लगाने के लिए करीब 4 क्विंटल बीज लगते हैं। जिसकी कीमत लाखों में हो जाती है परंतु इसे प्रयोग के तौर पर लोग 2 केजी या फिर 5 केजी 10 केजी तक मंगा कर खुद ही इससे रोपकर बीज तैयार कर सकते हैं। और जिसके बाद जो ऊपज होगी उसे बीज के रूप में वृहद पैमाने पर खेती कर सकते हैं। बताते चलें कि इस समय भारत में काली हल्दी का डिमांड राइजिंग ट्रेंड पर है और आने वाले 2 सालों में ऐसे को लेकर मुंह मांगे दाम मिलेंगे। दोस्तों आपने मेंथा पौधा का नाम सुना होगा पिपरमेंट पौधा का नाम सुना होगा जिसको लेकर एक समय में भारत भर के किसान खूब उपजाते थे और जिसकी कीमत हजारों रुपए लीटर होती थी। जिसके बाद कुछ ही सालों में इसका ट्रेंड खत्म हो गया तो ठीक वैसे ही काली हल्दी का भी राइजिंग ट्रेंड है जो आने वाले 2 सालों तक किसान इसे रोप कर मुंह मांगा दाम कमा सकते हैं।

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