ऐसे शिक्षक को सलाम! स्टूडेंट पढ़ने नहीं आए तो लौटा दी 3 साल की पूरे 23 लाख की सैलरी..

शिक्षक हमेशा हमारे सामने ऐसे मिसाल पेश करते हैं जिसे हम कभी भूल नहीं पाते हैं। ऐसे ही एक अनोखा मामला मुजफ्फरपुर का है जो नितेश्वर कॉलेज में हिंदी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ ललन कुमार का है। उन्होंने अपने 2 साल 9 महीने की सैलरी यानी 23 लाख रुपए लौटा दी उन्हें उन्होंने कहा कि जब एक भी स्टूडेंट आया ही नहीं 2 साल में पढ़ने के लिए तो मुझे सैलरी नहीं चाहिए। प्रोफेसर के पद पर स्थापित डॉ ललन कुमार नितिश्वर कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर है। उनके इस मामले से विश्वविद्यालय में काफी उथल-पुथल मच गई है।

उनसे कुलसचिव ने कहा कि वह ऐसा फैसला ना ले लेकिन वह अपने फैसले पर अडिग रहे उन्होंने अपनी 2 साल 9 महीने की सैलरी यूनिवर्सिटी को लौटा दी। उन्होंने यह राशि चेक b.r.a. ठाकुर को सौंपा। कुलसचिव भी इस बात को लेकर हैरान हो गए। इसके बदले नौकरी छोड़ने को कहा लेकिन लल्लन के आगे उन्हें झुकना ही पड़ा। डॉ ललन कुमार कहते हैं कि अपने कॉलेज में 1100 स्टूडेंट का हिंदी में नामांकन है लेकिन स्टूडेंट की उपस्थिति शून्य है। शिक्षण दायित्व का निर्वहन नहीं कर पाना तो ऐसे में वेतन लेना अनैतिक है।

उन्होंने ट्रांसफर के लिए भी दो बार आवेदन दिया था लेकिन कमेटी बैठी नहीं और उनके इस मामले को रद्द कर दिया गया। डॉक्टर लल्लन को 2019 में यहां पर पोस्टिंग मिली थी। यहां उन्हें पढ़ाई का माहौल नहीं दिखा तो उन्होंने विश्वविद्यालय से अपने ट्रांसफर के लिए कहा लेकिन 6 बार ट्रांसफर आर्डर निकालने के बाद भी कुलसचिव डॉ आरके ठाकुर ने इस पोस्टिंग को रद्द कर दिया। डॉक्टर लल्लन किसान परिवार से आते हैं और वैशाली में रहते हैं उन्होंने इंटर की पढ़ाई के बाद दिल्ली के दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन जेएनयू से पीजी और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीएचडी एमफिल की डिग्री ली।

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