‘समाजवादी’ नेता रामसहाय यादव चुने गए नेपाल के उपराष्ट्रपति, जानिए क्या है खास
नेपाल के मधेस क्षेत्र के कद्दावर नेता रामसहाय प्रसाद यादव शुक्रवार को देश के तीसरे उपराष्ट्रपति चुने गए हैं. इससे प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ के नेतृत्व वाली सरकार को मजबूती मिलेगी। जनता समाजवादी पार्टी (JSP) के उम्मीदवार रामसहाय प्रसाद यादव ने आसानी से CPN-UML की अपनी निकटतम प्रतिद्वंद्वी अष्ट लक्ष्मी शाक्य को हराकर हिमालयी राष्ट्र के तीसरे उपराष्ट्रपति बन गए। वह इस पद को धारण करने वाले भारत की सीमा से लगे मधेस क्षेत्र के पहले नेता हैं।
प्रमिला यादव को महज 48 वोट मिले
चुनाव आयोग के मुताबिक, 52 वर्षीय यादव को 30,328 मत मिले, जबकि शाक्य को 16,328 मतों से संतोष करना पड़ा. अपनी खुद की पार्टी के अलावा, यादव को नेपाली कांग्रेस, सीपीएन-माओवादी सेंटर और सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट के साथ-साथ अन्य दलों का समर्थन प्राप्त था। राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने शुक्रवार को हुए उपाध्यक्ष पद के चुनाव में हिस्सा नहीं लिया। इसी तरह जनमत पार्टी की ममता झा को 2537 वोट मिले। प्रमिला यादव को जेएसपी नेपाल से ही केवल 48 वोट मिले, हालांकि उन्होंने बीच में अपनी उम्मीदवारी वापस लेने की घोषणा की।
रामचंद्र पौडेल 9 मार्च को राष्ट्रपति बने
संघीय संसद के 333 सदस्य और प्रांतीय विधानसभाओं के 550 सदस्य उप-राष्ट्रपति चुनाव में मतदान कर सकते थे। एक सांसद के वोट का वजन 79 और प्रांतीय विधानसभा के सदस्य का 48 होता है। नेपाली कांग्रेस के रामचंद्र पौडेल को 9 मार्च को नेपाल का नया राष्ट्रपति चुना गया था। मधेस क्षेत्र के एक नेता रामसहाय यादव, निवर्तमान उपाध्यक्ष नंद बहादुर पुन का स्थान लेंगे, जिनका कार्यकाल समाप्त हो गया है। नेपाल के दक्षिणी तराई क्षेत्र में रहने वाले मधेसी समुदाय के अधिकांश लोग भारतीय मूल के हैं।
1990 में शुरू हुआ था राजनीतिक सफर
बता दें कि नेपाल ने साल 2008 में संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य व्यवस्था को अपनाया था, जिसके बाद उपराष्ट्रपति पद के लिए यह तीसरा चुनाव है। नेपाल में उपराष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। यादव ने 1990 में नेपाल सद्भावना पार्टी के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की। वह मधेसी जन अधिकार फोरम के संस्थापक महासचिव थे और पहले मधेस आंदोलन (2007) में उनकी सक्रिय भूमिका थी। यादव पिछले साल नवंबर में हुए चुनाव में बारा-2 से प्रतिनिधि सभा के लिए चुने गए थे।