सावधान ! बिना स्त्रोत को जांचे किया क्यू आर कोड स्कैन तो हो जाएगा आपका अकाउंट खाली

डेस्क : भारत की प्रगति मे तकनीक का एक बड़ा अहम् योगदान है। भारत तकनीक के दम पर कई एशियाई देशों से आगे बढ़ गया है। जहाँ एक ओर तकनीक बढ़ रही है वहीँ दूसरी ओर इस तकनीक से जालसाजी करने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। अक्सर ही लोग कुछ भी बाजार से खरीदने जाते हैं तो पैसो का भुगतान क्यू आर कोड के माध्यम से करते हैं। दरअसल यह एक बार कोड होता है जो एक माध्यम की तरह काम करता है और ग्राहक का पैसा उसके अकाउंट से सामने वाले के अकाउंट तक पहुंचाता है।

देश में ऐसे लोगो की भी कमी नहीं है जो पैसों के लालच में ना आएं और जो पैसों के लालच में आ जाते हैं वह जालसाजों के चक्कर में फँस जाते हैं। जालसाज एक ऐसा आकर्षक मेसेज तैयार करके भेजते हैं जिसके जरिए ग्राहक आसानी से फंस जाए। उदाहरण के लिए बता दें की वह लिखते हैं, बधाई हो आप 10,000 रूपए जीत गए अब इस राशि को पाने के लिए भेजा गया क्यू आर कोड स्कैन करें। जैसे ही ग्राहक इस जाल में फंसता है तो उसके सारे पैसे जालसाज के भेजे गए क्यू आर कोड के खाते में चले जाते हैं। इसका शिकार दिल्ली की मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की बेटी भी हो चुकी हैं।

इस कोड को मेसेज के जरिए ईमेल के जरिए और अन्य तरीको से भेजा जा सकता है। इसको स्कैन करना भी अति आवश्यक होता है। स्कैन करने के बाद जिसको पैसा भेज रहे है उसके नाम की सारी जानकारी आ जाती है। यह जानकारी जो लोग ध्यान से नहीं पढ़ते वह जालसाज का शिकार हो जाते हैं। हालाँकि स्कैन करने से पहले ही सतर्क रहना अनिवार्य है। अगर आपको जल्दबाज़ी है क्यू आर कोड स्कैन करने की तो जल्दबाज़ी से बचे और धैर्यपूर्वक स्त्रोत की जांच करें, अन्यथा मुश्किल में पड़ सकतें हैं।

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