लोन मोरेटोरियम : सरकार ने SC से कहा- 2 साल तक बढ़ सकती है लोन की EMI नहीं चुकाने की छूट

डेस्क : कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के चलते लोन की ईएमआई नहीं चुकाने की मिल रही मोहलत (Loan Moratorium) के मामले में दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई। इस पर केंद्र सरकार (Government of India) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि लोन पर मोहलत की अवधि दो साल के लिए बढाई जा सकती है।

कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन के बाद RBI ने तीन महीने के लिए लोन मोरेटोरियम का ऐलान किया था।लेकिन बाद में इस अवधि को 3 महीने के लिए और बढ़ा दिया गया था। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दलील दी है कि कोरोना संकट में जिन कठिन आर्थिक हालातों को देखते हुए मोरेटोरियम सुविधा दी गई थी वह अभी समाप्त नहीं हुई है, ऐसे में मोरेटोरियम की सुविधा को इस साल दिसंबर तक बढ़ाया जाना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ-सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के माध्यम से केंद्र और आरबीआई ने अदालत को सूचित किया कि लोन के पुनर्भुगतान पर मोहलत 2 साल तक बढ़ सकती है। तुषार मेहता ने कहा कि हम प्रभावित सेक्टर्स की पहचान कर रहे है। कोरोना महामारी के चलते हुए नुकसान के प्रभाव के अनुसार अलग-अलग लाभ उठा सकते हैं।

31 अगस्त को खतम हो चुका है लोन मोरेटोरियम- लोन मोरेटोरियम एक तरह की सुविधा है जो कोरोना से प्रभावित ग्राहकों या कंपनियों को दी जा रही थी। इसके तहत ग्राहक या कंपनियां अपनी मासिक किस्त को टाल सकती हैं। इस सुविधा का लाभ लेते वक्त तात्कालिक राहत तो मिलती है लेकिन बाद में ज्यादा पैसे देने होते हैं। मार्च से शुरू हुई ये सुविधा सिर्फ 31 अगस्त तक के लिए थी।

देश के कई बड़े बैंकरों ने इस सुविधा को आगे नहीं बढ़ाने की अपील की थी। एचडीएफसी लिमिटेड के चेयरमैन दीपक पारेख और कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक उदय कोटक ने कहा था कि इस सुविधा को आगे नहीं बढ़ाया जाए, क्योंकि बहुत से लोग इसका अनुचित फायदा उठा रहे हैं।

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