जूनून! स्टेशन पर रहकर कुली ने वाई-फाई की मदद से पास की सिविल सेवा परीक्षा

डेस्क : देश में महंगाई बढ़ती जा रही है और इसका सीधा असर गरीब तबके के लोगों पर पड़ा है। पहले से ही भारत में रोजगार की कमी है और एक अच्छी आय कमाने के लिए देश के युवा को अक्सर दुसरे राज्यों में काम तलाशना होता है। आज हम आपको एक ऐसे ही युवा की कहानी से रूबरू करने जा रहे हैं जिसने अपनी आईएएस की तैयारी प्लेटफार्म पर नौकरी करते हुए पूरी की। इस आईएएस अधिकारी ने अपने जीवन में प्लेटफार्म पर कुली का काम किया है।

इस आईएएस की तैयारी करने वाले अभियार्थी ने कभी भी जीवन में निराशा का दामन नहीं थामा और हमेशा आगे बढ़ने का प्रयास किया। इस आईएएस अफसर के पास न ही नोट्स थे न ही किताबें और कोचिंग की तो बात करना व्यर्थ ही होगा। इस आईएएस अधिकारी के पास सिर्फ सपने ही थे। जब यह अभियार्थी कुली का काम करता था तो वह सूट बूट पहने हुए लोगों को देखता था और उनकी तरह ही बनने का सपना भीतर संजोता था।

इस होनहार व्यक्ति का नाम श्रीधर है जो केरला के काफी गरीब परिवार से आते थे। उनको उनकी गरीबी के कारण कोई भी अवसर नहीं प्राप्त हो पाए जिस कारण 10 वी पास करने के बाद उनको रेलवे स्टेशन पर कुली का काम करना पड़ा। उन्होंने अपनी उम्र का एक हिस्सा एर्नाकुलम रेलवे स्टेशन पर बिताया है। मजबूरी और परिवार में कोई और सहारा न होने के कारण उनको बागडोर सम्भालनी पड़ी। रेलवे स्टेशन पर वाई फाई लगे थे और उन्होंने सोचा की इस तकनीक की मदद से ही वह अपनी पढाई पूरी करेंगे, लेकिन कुली के काम में उनको जो समय मिलता उसमें दिन भर की थकावट से वह घर जाकर सो जाते थे।

लेकिन, उनको अपने सपने तो पूरे करने ही थे। इसलिए उन्होंने एक काम किया, उन्होंने कुछ कॉपियां खरीद ली और अपने निजी मोबाइल में वाई फाई की मदद से ऑनलाइन लेक्चर देखना शुरू किया। वह जैसे ही काम से फ्री हो जाते तो अपना लेक्चर देखते और काम करते वक्त भी लेक्चर सुनते रहते थे। उन्होंने 2 बार यूपीएससी की परीक्षा दी लेकिन वह फेल हो गए, अंदर ही अंदर उनको यह भी लगता था की वह किसी कोचिंग जाने वाले बच्चे की तरह कभी नहीं पढ़ सकते। इस बात से ना घबराते हुए उन्होंने हार नहीं मानी और फिर तैयारी की। अपनी मेहनत को जारी रखते हुए उन्होंने केरला पब्लिक सर्विस कमीशन 2018 की परीक्षा दी जिसमें वह पास हो गए।

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