Sahara India उपभोक्ताओं के लिए खुशखबरी! अब ब्याज समेत वापस मिलेगा आपका पैसा, जानें – कैसे?

देश के लाखों गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों का पैसा फंसा सहारा इंडिया समूह में हुआ है।जब साल 2013 में मार्केट नियामक संस्था सेबी ने सहारा समूह को पैसों के लेनदेन करने से रोका था, तभी से सारे इन्वेस्टर्स अपने पैसों को वापस पाने के लिए इंतज़ार कर रहे हैं। 2013 से सहारा के ऑफिस का चक्कर अब तक लाखों लोग लगा रहे हैं, लेकिन उनका पैसा उन्हें वापस नहीं मिल पा रहा है।

अब उन पैसे की वापसी की आस लगाए इन्वेस्टर्स के लिए एक अच्छी ख़बर आई है। सहारा ग्रुप ने एक पत्र जारी कर निवेशकों का पैसा लौटाने को लेकर बड़ी घोषणा की है। हाल ही में सहारा इंडिया परिवार ने जारी एक बयान में कहा कि सेबी के पास हमारे 25,000 करोड़ रुपए रखे हैं। बीते नौ वर्षो में एजेंसी ने कुछ इनवेस्टर्स को 125 करोड़ रुपए वापस किया है। सेबी का यह रवैया उचित नहीं है। सेबी को लोगों के हित में काम करने की जरुरत है। ग्रुप ने कहा कि सेबी को या तो निवेशकों को भुगतान करना चाहिए या पैसे सहारा समूह को लौटा देना चाहिए जिससे सहारा परिवार लोगों को उनका पैसा लौटा सकें। आपको बता दें कि सहारा परिवार लगातार सेबी से लोगों के पैसे लौटाने की अपील करता रहा है।

सहारा ने अपने बयान में यह भी बताया कि 2012 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से ही सहारा ने 25,000 करोड़ रुपए ब्याज समेत सेबी के पास जमा करा दिए थे। पिछले 9 वर्षो से ये पैसे सेबी के पास व्यर्थ पड़ा है। सहारा ग्रुप का कहना है कि पाबंदियों के चलते हम कंपनी के संपत्ती को बेचकर या गिरवी रख कर भी निवेशकों को पैसा वापस नहीं लौटा सकते। बयान में कहा गया है कि सभी परिस्थितियों के बावजूद सहारा भुगतान तो कर रहा है लेकिन इसमें समय ज्यादा लग सकता है।

सहारा ग्रुप ने जारी स्टेटमेंट में कहा है कि निवेशक सेबी के गैर जिम्मेदाराना रवैये का शिकार हो रहा है। जहां एक तरफ़ सेबी ने सहारा के 25,000 करोड़ रुपए निवेशकों के हित के नाम पर अपने पास जब्त कर रखा है और उसके बाद मार्च, 2018 में सेबी ने स्टेटमेंट दिया था कि एजेंसी जुलाई 2018 के बाद किसी भी निवेशक को भुगतान नहीं करेगी। ऐसे में सेबी के फैसले से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। बताते चलें कि भारतीय मार्केट नियामक ‘सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड’ (यानी सेबी) ने सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय, सहारा समूह की कंपनी सहारा कमोडिटी सर्विसेज कॉरपोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड समेत तीन अन्य पर 12 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

उनके ऊपर यह जुर्माना साल 2008 और 2009 के बीच ऐच्छिक पूर्ण परिवर्तनीय डिबेंचर जारी करने के रेगुलेशन का उल्लंघन करने को लेकर लगाया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सहारा प्रमुख और सहारा ग्रुप की दो कंपनियों के साथ-साथ अशोक रॉय चौधरी, रवि शंकर दुबे और वंदना भार्गव पर भी जुर्माना लगाया है। निर्देश के मुताबिक़, सभी को मिल कर जुर्माने की राशि 45 दिनों के भीतर जमा करनी है।

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