रोज़ाना सोशल मीडिया और OTT प्लेटफार्म पर बढ़ते विवाद पर भारत सरकार ने बनाए नए कानून, जाने सरल भाषा में

डेस्क : यह जमाना सोशल मीडिया का है सोशल मीडिया पर आए दिन खबरें वायरल होती रहती है, ऐसे में कुछ खबरों का वायरल होना जायज़ नजर आता है लेकिन, कुछ खबरें ऐसी होती हैं जो वायरल हो जाती है। ऐसे में सरकार की फजीहत हो जाती है। इसलिए सरकार नए नियम और कानून लेकर आई है जिनके तहत वह सोशल मीडिया पर उठ रही गतिविधियों पर नियंत्रण लगाएगी। बता दें कि बीते कुछ समय में किसान आंदोलन के चलते सोशल मीडिया से जमकर भारत में मौजूदा सरकार पर हमला किया गया। ऐसे में दंगे भड़काने और गलत बातें सरकार के खिलाफ भड़काने का आरोप सोशल मीडिया पर लगाया है।

इन सबके चलते हैं सोशल मीडिया पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार ने ट्विटर और फेसबुक से गुहार लगाई। लेकिन, ट्विटर और फेसबुक ने भारत सरकार की बात मानने से साफ इंकार कर दिया। बता दें कि भारत सरकार बाहर से चलाई जा रही सोशल मीडिया वेबसाइट को नियंत्रित नहीं कर सकता क्योंकि इनके सरवर भारत के बजाय दूसरे देशों में मौजूद हैं। इसके चलते अब सोशल मीडिया के कामों में सरकार ने कुछ बदलाव किए हैं। इन बदलाव को आईटी मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने मीडिया कर्मियों के आगे रखा है। अगर कोई भी कंटेंट आपत्तिजनक दिखता है तो उसको 36 घंटे के भीतर हटाना होगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो कानूनी कार्यवाही होगी। बताया जा रहा है कि इस कानून को लागू करने से आम हिंदुस्तानी मजबूत होगा।

रवी शंकर प्रसाद का कहना है कि सोशल मीडिया पर 140 करोड़ लोग हैं जिसमें से यूट्यूब देखने वाले 44 करोड हैं, इसके बाद फेसबुक चलाने वाले 41 करोड़ है, इंस्टाग्राम चलाने वाले 21 करोड़ और व्हाट्सएप का इस्तेमाल करने वाले 53 करोड़ लोग भारत में है। ऐसे में भारत सरकार ने इन सोशल मीडिया एप्लीकेशन को जिम्मेदारी दी है कि भारत में आए और भारत से कमाए। जिसके चलते अनेकों लोगों ने अपना काम शुरू किया है, जो सोशल मीडिया से ही चलता है। सोशल मीडिया पर देश की सुरक्षा, नारी की गरिमा और देश की संप्रभुता पर ठेस पहुंचाने वाले लोगों के ऊपर 24 घंटे के भीतर कार्यवाही करनी होगी और 15 दिन के भीतर समाधान निकालना होगा।

अगर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आईटी एक्ट के तहत कंप्लेंट पर कार्यवाही नहीं करते हैं तो यह सरकार की जारी की गई नई गाइडलाइन के खिलाफ होगा क्योंकि इस वक्त भारत में सोशल मीडिया को गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे आम हिंदुस्तानी के जीवन पर असर पड़ रहा है और इसकी सुनवाई कहीं भी नहीं की जाती है। एक अल्गोरिथम गठित किया जाएगा जिसके तहत अगर कोई भी खबर भारत के संविधान के खिलाफ होगी तो उसके ऊपर कार्यवाही की जाएगी। सोशल मीडिया को अपने यूजर्स को वेरीफाई करना होगा, अगर वेरीफाई का टिक लगा रहेगा तो समझा जाएगा की खबर जायज़ है अन्यथा उसके खिलाफ कार्रवाई करना सोशल मीडिया का काम है।

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