डेस्क : आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल(Pooja Singhal) के केस में अभी कितने तह होंगे इसका अंदाजा किसी को भी नहीं है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। पूजा सिंघल मामले का तार सहरसा से भी जुड़ रहा है। उनके सीए का पैतृक आवास सहरसा जिले के पतरघट गांव में है। अलग-अलग 52 ठिकानों पर छापेमारी करने के बाद ईडी की नजर अब सुमन सिंह के पैतृक आवास पर है।
वैसे गांव वाले सुमन सिंह की गिरफ्तारी और उनके घर से करोड़ो रुपए की बरामदगी की खबर को लेकर सन्न हैं। सुमन सिंह के पैतृक गांव में एक आलीशान बंगला और दो लग्जरी गाड़ियां हैं। मिलें जानकारी के मुताबिक स्थानीय प्रशासन के पास अभी तक छापेमारी से संबंधित कोई संपर्क किसी के द्वारा नहीं किया गया है। वैसे उनके आवासीय परिसर में पूरा सन्नाटा छाया हुआ है। और गांव में उनके पिताजी अकेले रहते हैं और उनका नाम राधेश्याम सिंह उर्फ फुलेश्वर सिंह है।
राधेश्याम सिंह झारखंड के हजारीबाग के सीसीएल कोल फील्ड क्लर्क ग्रेड से रिटायर्ड है। उनके पिता ने बताया 2016 में उनकी पत्नी का देहांत हो गया। उनके पास दो बेटे और एक बेटी है। दोनों बेटे सुमन कुमार सिंह और पवन कुमार सिंह झारखंड के रांची में जमीन खरीद कर रहतें हैं और बेटी ममता सिंह भी रांची में ही रहती है। सुमन सिंह की आवास से हुए पैसों की बरामदगी पर जब उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा उनको कुछ नहीं पता पैसे कहां से आए। गांव की संपत्ति बढ़ने पर भी उन्होंने अपने बेटों के आय के स्रोत के बारे में कुछ नहीं पता कहकर टाल दिया।
उन्होंने बस इतना कहा कि हम तो गांव में रहकर खेती बाड़ी का काम देखते हैं। गांव और उसके आसपास के लोगों के बीच इस मामले की खूब चर्चा हो रही है। लोगों ने बताया कि फुलेश्वर सिंह रिटायर्ड हुए तब इनके पास इतना भव्य मकान और लग्जरी गाड़ियां नहीं था। पिछले कुछ सालों में इन्होंने अकूल संपत्ति अर्जित की है। गांव के लोगों का कहना है कि इनके पास पुश्तैनी जमीन 4 एकड़ थी और अब लगभग 20 एकड़ जमीन है। लोगों का कहना है कि गांव में जो जमीन सबसे महंगी होती है उसको खरीदने की हैसियत कोई नहीं करता वैसे जमीन यह खरीदतें हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने कहा कि अब तो ईडी ही पूरे मामले का खुलासा करेगा।