9 से 5 की नौकरी, शादी और घर का काम सँभालने के बाद ‘काजल ज्वाला’ बनी आईएएस -UPSC परीक्षा में लाईं 28वीं रैंक

डेस्क : जब मन में सच्ची निष्ठा हो तो हर काम संभव हो जाता है और कुछ ऐसा ही कर दिखाया है एक ऐसी महिला आईएएस अधिकारी ने जिसने 4 बार लगातार हार न मानते हुए, पांचवी बार में UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल की और उन सबका मुँह बंद कर दिया जो समाज में यह समझते हैं की लड़कियों को कुछ सिमित लक्ष्य ही रखने चाहिए।

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काजल ज्वाला हरियाणा से आती है और वह दिन में 9 घंटे नौकरी करती थी। उसके बाद वह अपना परिवार संभालती थी और फिर जब समय बच जाता था तो वह अपनी तैयारी में जुट जाती थी। वह मूल रूप से हरियाणा की हैं और बचपन से एक डॉक्टर बनना चाहती थी। लेकिन, उनके पिताजी ने समझाया कि नहीं तुम अधिकारी बन सकती हो इसके चलते उन्होंने विप्रो की नौकरी भी की और नौकरी की मूल वजह यह रही कि उनकी आर्थिक स्थिति ना खराब हो वैसे उनका पैकेज सालाना 23 लाख का था।

लेकिन, फिर भी वह आईएएस बनने की चाह में तैयारी करती रही और अपनी नौकरी भी नहीं छोड़ी। वह नोएडा से गुड़गांव रोज आना जाना करती थी और इस आने-जाने के सफर में दो-तीन घंटा आराम से निकल जाता था, जिस दौरान वह करंट अफेयर्स का अध्ययन करती थी। वह बताती हैं कि उन्होंने कभी भी अपने विवाहित जीवन को अपनी मंजिलों के सामने नहीं आने दिया। उन्होंने खूब मजबूती के साथ तैयारी की और इसमें घर वालों ने भी जमकर उनका साथ दिया। उनके पति आशीष मलिक खुद अमेरिकन एंबेसी में कार्य करते हैं और जब भी जरूरत पड़ती है तो घर के सारे काम सँभालते हैं।

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काजल ज्वाला को समय काफी कम मिलता था, वह इस समय का भरपूर सदुपयोग करते हुए अपना सिलेबस पूरा करती थी। उनकी जिंदगी में संडे या हॉलिडे मायने नहीं रखता था। साल 2018 की परीक्षा में उन्होंने 28वीं रैंक हासिल की थी। यूपीएससी की तैयारी करने वाले छात्रों को वह बताती हैं कि आई एस का सिलेबस काफी लंबा चौड़ा है यह एक समुद्र की तरह है। इसमें जितना पढ़ते चले जाएंगे उतना ही यह विस्तार लेता चला जाता है। इसलिए इसमें ध्यान रखना होता है कि कौन सी किताबें पढ़नी है और किस दिशा में आगे बढ़ना है। काजल ज्वाला के जीवन में एपीजे अब्दुल कलाम और उनके पिता काफी मायने रखते हैं।

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